सरगांव में मातारानी का भव्य आगमन:10 दिवसीय नवरात्रि का दुर्लभ संयोग बरसाएगा सुख-समृद्धि का वरदान

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उमड़ा भक्तों का जनसैलाब माँ चरणों तले, आस्था के 501 दीप जले

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो चीफ मुंगेली 8959931111

सरगांव-नगर पंचायत सरगांव में इस वर्ष नवरात्रि की शुरुआत मातारानी के राजसी और भव्य आगमन के साथ हुई, जहां आतिशबाजी की जगमगाहट, डीजे की भक्तिमय धुनों, पुष्पवर्षा,रंगोली से उभरते आस्था के रंग व दीपकों की चमक के साथ विविध रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह 10 दिवसीय नवरात्रि का दुर्लभ संयोग सुख-समृद्धि की कामना को पूरा करने का शुभ अवसर लेकर आया है इस वर्ष माँ दुर्गा हाथी में सवार होकर आ रही है,जो ज्ञान, समृद्धि, और शुभता का प्रतीक है।

सरगांव के नगरवासियों ने मातारानी की प्रतिमा के आगमन को एक अलौकिक उत्सव में तब्दील कर दिया। जैसे ही शाम का धुंधलका छाया, सजी-धजी माता की सवारी नगर की गलियों में प्रवेश की, तो चारों ओर उत्साह की लहर दौड़ गई। आतिशबाजी ने आकाश को रंगीन रोशनी से भर दिया, डीजे पर बजते भजन और लोकगीतों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया, जबकि फूलों की वर्षा और आस्था के 501 दीपकों की रोशनी ने दिव्यता का एहसास कराया।

नगर के ह्रदय स्थल बस स्टैंड में स्थानीय कलाकारों और भक्तों ने नृत्य, संगीत, महाआरती और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को जीवंत बनाया, जिसमें हर आयु वर्ग की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली।

यंग स्टार दुर्गा उत्सव समिति वार्ड 10 द्वारा आकर्षक इवेंट आयोजन से भक्तों को झूमने पे विवश कर दिया वन्ही श्री शिव शक्ति दुर्गा पूजा समिति व्यापारी संघ बस स्टैंड द्वारा आस्था की बानगी दिखी जंहा करबद्ध भक्तो ने पुष्पवर्षा करते हुए भव्य आतिशबाजी के साथ श्रृंखलाबद्ध 501 दीप आस्था के प्रज्वलित किये गये।

इस वर्ष का नवरात्रि पर्व ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत विशेष है, क्योंकि यह पूरे 10 दिनों तक विस्तारित होगा—एक ऐसा संयोग जो वर्षों में एक बार आता है और भक्तों की सुख-समृद्धि की प्रार्थनाओं को बल प्रदान करता है। नवरात्रि का यह पर्व 22 सितंबर 2025 से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025 को दशहरा के साथ समाप्त होगा।सामान्यतः नवरात्रि 9 दिनों की होती है, लेकिन इस वर्ष तिथियों के संयोग के कारण यह 10 दिनों तक चलेगी.
इस वर्ष तृतीया तिथि दो दिनों (24 और 25 सितंबर) तक रहेगी, जिसके कारण नवरात्रि की अवधि बढ़ गई है.
चतुर्थी तिथि की वृद्धि भी इसका कारण है, जिससे पूजा का क्रम 10 दिनों तक चलेगा। ऐसा संयोग 9 साल बाद आया है पिछली बार 2016 में 10 दिनों की नवरात्रि थी।

पहले दिन कलश स्थापना (घटस्थापना) का महत्वपूर्ण मुहूर्त है जो 22 सितंबर को होगा जौ बोने की विधि भी इसी दिन की जाती है। नवरात्रि पर इस बार कई राजयोग बन रहे हैं, जैसे त्रिग्रही, बुधादित्य, समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम और महालक्ष्मी योग ये योग पूजा को अधिक फलदायी बनाते हैं। नवरात्रि में ब्रह्माजी द्वारा वर्णित विशेष मंत्र का जाप करने से मां की कृपा प्राप्त होती है, जैसे “ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी…”.

साथ ही, प्रत्येक दिन देवी को अलग-अलग भोग चढ़ाने का विधान है, उदाहरण के लिए पहले दिन घी। यह नवरात्रि आध्यात्मिक ऊर्जा और साधना के लिए विशेष अवसर प्रदान करती है, खासकर 10 दिनों की अवधि के कारण भक्तों को अधिक समय मिलेगा।ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि हाथी सवारी पर माता का आगमन राजकीय वैभव, आर्थिक समृद्धि और मानसिक शांति का संदेश देता है,जो सरगांव के समुदाय के लिए विशेष कृपा का प्रतीक है।

आयोजक समितियों ने इस उत्सव को और अधिक भव्य बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए जिसमें महिलाओं, बच्चों और युवाओं की विशेष भूमिका शामिल है। पर्व के दौरान सुरक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। यह आयोजन सरगांव की धार्मिक परंपराओं को संरक्षित करने के साथ-साथ सामुदायिक एकता को मजबूत करेगा, और भक्तों में नई ऊर्जा और विश्वास का संचार करेगा।

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Author: Deepak Mittal

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