महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को दी।
अधिकारी ने बताया कि मई से अगस्त के बीच मराठवाड़ा के आठ जिलों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण फसलें बर्बाद हुईं। फसल नुकसान के आकलन का काम जारी है।
राज्य के संभागीय आयुक्त जितेंद्र पापलकर ने बताया, ”राज्य सरकार ने मराठवाड़ा में मई से अगस्त तक बाढ़ और बारिश के कारण फसलों के नुकसान से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह राशि सीधे प्रभावित किसानों के खातों में जमा की जाएगी।
भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है और अधिकारियों को प्रभावित किसानों की सूची तत्काल अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।” उन्होंने बताया कि 20 सितंबर से अब तक क्षेत्र में भारी बारिश और नदियों के उफान से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और कम से कम नौ लोगों की जान गई है। लाखों एकड़ में फसलें तबाह हो गई हैं।
पापलकर ने कहा, ”क्षेत्र में अगले तीन से चार दिनों तक और बारिश होने का अलर्ट है इसलिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को तैयार रहने को कहा गया है। फसल नुकसान का करीब 80 प्रतिशत सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।” उन्होंने बताया कि हाल की बाढ़ में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि फसलों के नुकसान के अलावा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे भी बाढ़ से प्रभावित हुए है। उन्होंने कहा, “हम आकलन का कार्य कर रहे हैं। फिलहाल हमारी प्राथमिकता पिछले सप्ताह हुई बारिश के कारण जान गंवाने वालों, अपने पशुओं और घरों को खोने वालों के परिजनों की मदद करने के अलावा किसानों को मुआवजा देना है।”
मराठवाड़ा क्षेत्र में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, लातूर, परभणी, नांदेड़, हिंगोली, बीड़ और धाराशिव जिले शामिल हैं। अधिकारियों के अनुसार, मानसून के दौरान अब तक इस क्षेत्र में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 86 लोगों की मौत हुई है।
Author: Deepak Mittal










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