रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप ‘महतारी वंदन योजना’ महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। 21 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की विवाहित, विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। अब तक इस योजना के अंतर्गत राज्य की करीब 70 लाख महिलाओं को कुल 10,433.64 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है।
राज्य की महिलाएं इस राशि का उपयोग घरेलू जरूरतों, स्वास्थ्य देखभाल और बच्चों की शिक्षा के लिए कर रही हैं। योजना का असर समाज के हर तबके में दिख रहा है – खासतौर पर आदिवासी और ग्रामीण महिलाओं के जीवन में।
आदिवासी महिलाओं की बदलती कहानी
सुकमा जिले की ग्राम फुलबगड़ी की माड़वी अनिता ने बताया कि वे इस राशि को सुकन्या समृद्धि योजना में अपनी बेटियों के भविष्य के लिए जमा कर रही हैं। अनिता के अनुसार, महतारी वंदन योजना से उनका भविष्य सुरक्षित हुआ है।
छिंदगढ़ की शांति नाग बताती हैं कि पहले दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल था, लेकिन अब इस योजना की मदद से वह अपने बच्चों की पढ़ाई और इलाज पर भी ध्यान दे पा रही हैं।
शिक्षा बनी प्राथमिकता
डौंडी विकासखंड की मंजूलता और सविता टेकाम जैसी महिलाएं, जो पहले अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी मुश्किल से उठा पाती थीं, अब इस योजना के सहारे उनके भविष्य को संवार रही हैं। मंजूलता का बेटा बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र है और अब फीस जमा करने में कोई परेशानी नहीं होती। सविता टेकाम ने बताया कि इस योजना से मिली राशि से उन्होंने अपनी बेटी सुधा के हेल्थकेयर प्रशिक्षण की फीस जमा की है।
तकनीकी पहलुओं पर भी जोर
महिला एवं बाल विकास विभाग ने महिलाओं से अपील की है कि वे अपने आधार कार्ड अपडेट करें, ताकि डीबीटी के ज़रिए राशि निर्बाध रूप से प्राप्त हो सके। डीबीटी इनेबल न होने की स्थिति में कई बार राशि लौट जाती है और इसके लिए एसएमएस अलर्ट भी भेजा जाता है।
योजना की शुरुआत
मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना की शुरुआत की गई थी। इसका उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करना, पोषण स्तर बढ़ाना और समाज में समानता स्थापित करना है। हर महिला को सालाना ₹12,000 की सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।
‘महतारी वंदन योजना’ सिर्फ आर्थिक मदद नहीं है, यह आत्मनिर्भरता, आत्मसम्मान और भविष्य के प्रति आशा का प्रतीक बन चुकी है। यह योजना राज्य के लाखों परिवारों की रीढ़ बनी है, जिन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए इसे ‘कठिन समय का सहारा’ बताया है।
