भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का पक्ष रख रहे थे। इस दौरान वह विपक्ष के हर आरोपों का बारी-बारी से जवाब दे रहे थे। इस दौरान विपक्षी खेमे के सांसद लगातार हंगामा करते नजर आए।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश विदेश मंत्री के भाषण के दौरान लगातार गतिरोध उत्पन्न कर रहे थे। विपक्षी सांसदों के आचरण से जयशंकर असहज हो गए और जयराम रमेश का नाम लेते हुए उन्हें खूब सुनाया।
जयशंकर ने अपने भाषण के बीच में जयराम रमेश को टोकते हुए कहा, ‘जयराम रमेश कान खोलकर सुन लें। 22 अप्रैल से लेकर 16 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन कॉल पर एक भी बार बातचीत नहीं हुई।’
आपको बता दें कि विपक्ष खासकर कांग्रेस लगातार यह आरोप लगाती रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कहने पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ। हालांकि सरकार लगातार इन आरोपों को झुठलाती आ रही है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर डीजीएमओ स्तर की बातचीत के दौरान तय हुआ, न कि किसी विदेशी दबाव के कारण।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, ”पहलगाम हमला पूरी तरह अस्वीकार्य, लक्ष्मण रेखा लांघी गई। दोषियों को जवाबदेह ठहराना और पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना आवश्यक। भारत ने आतंकवाद का दंश सहा है, ऑपरेशन सिंदूर से हमने लक्ष्य हासिल किए।” उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर भारत के जवाब को पूरी दुनिया ने देखा।
#WATCH | "…Main unko kehna chahta hoon, woh kaan kholke sun le. 22 April se 16 June tak, ek bhi phone call President Trump aur Prime Minister Modi ke beech mein nahi hua." says EAM Dr S Jaishankar during discussion on Operation Sindoor in Rajya Sabha pic.twitter.com/0ZYkdOGae4
— ANI (@ANI) July 30, 2025
सिंधू जल संधि को रोकने के फैसले को सही ठहराते हुए जयशंकर ने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सिंधु जल संधि निलंबित कर नेहरू की नीतियों की गलतियों को सुधारा।
जयशंकर ने कहा कि भारत में 1947 के बाद से सीमा पार से हमले होते रहे, हर हमले के बाद पाकिस्तान से बातचीत भी होती रही। लेकिन हमारी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए, हमने हर मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब किया। मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा को हमारी सरकार भारत लाई।
जयशंकर ने सदन को बताया कि हमारी कोशिश रंग लाई और संयुक्त राष्ट्र ने माना कि ‘द रेजिस्टेन्स फ्रंट’ (टीआरएफ) पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट लश्कर ए तैयबा का छद्म संगठन है।
