निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
मुंगेली- छत्तीसगढ़ की आत्मा को शब्दों की छांव देने वाले, सुप्रसिद्ध रचनाकार, “छत्तीसगढ़ ल छांव करे बर मैं छानी बन जातेंव” जैसी कालजयी पंक्ति के सृजनकर्ता, छत्तीसगढ़ रत्न एवं क्षत्रिय समाज के पुरोधा आदरणीय श्री केदार सिंह परिहार जी अब हमारे बीच नहीं रहे। आज प्रातः उन्होंने इस नश्वर संसार को छोड़ स्वर्गलोक की यात्रा कर ली। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे।
उनका अंतिम संस्कार आज दोपहर 1 बजे उनके गृहग्राम केसतरा में किया जाएगा।
वे श्री हरि सिंह, विनिया सिंह एवं प्रतिज्ञा सिंह के श्रद्धेय पिता थे।
उनका जाना न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे साहित्यिक जगत और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।
नवभारत टाइम्स 24×7 .In परिवार इस दुःख की घड़ी में ईश्वर से प्रार्थना करता है की दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें तथा शोकाकुल परिवार को इस दुःखद घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करें।
???? श्रद्धांजलि ????
Author: Deepak Mittal









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