जांजगीर-चांपा: बिना सर्टिफिकेट डॉक्टर की लापरवाही से गई गर्भवती की जान, कोर्ट ने सुनाया 7 साल का सश्रम कारावास

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छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। नवागढ़ थाना क्षेत्र के हीरागढ़ गांव में एक गर्भवती महिला की झोलाछाप डॉक्टर द्वारा लगाए गए गलत इंजेक्शन से मौत हो गई। इस गंभीर लापरवाही के लिए कोर्ट ने आरोपी बंगाली डॉक्टर को 7 साल की कठिन सजा सुनाई है।

क्या है पूरा मामला?

  • तारीख: 1 सितंबर 2024

  • पीड़िता: रूक्मणी कश्यप (चार माह की गर्भवती)

  • आरोपी: ध्रुवांतो सिकदार, उम्र 52, सिऊंड गांव निवासी

  • घटना: पीड़िता की तबीयत बिगड़ने पर परिजनों ने बंगाली डॉक्टर को घर बुलाया। बिना वैध मेडिकल सर्टिफिकेट के डॉक्टर ने “डेरिफाईलिन” नामक इंजेक्शन लगाया।

  • परिणाम: इंजेक्शन के बाद महिला की तबीयत और बिगड़ी। उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नवागढ़ लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

कानूनी कार्यवाही और सजा:

  • FIR दर्ज: 8 सितंबर 2024 को नवागढ़ थाने में मामला पंजीबद्ध

  • अदालत का फैसला:

    • धारा 105 भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी

    • 7 साल सश्रम कारावास

    • 5,000 रुपये का जुर्माना

    • जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त 3 माह की कैद

  • न्यायाधीश: चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सर्व विजय अग्रवाल

  • लोक अभियोजक: संदीप सिंह बनाफर

इस फैसले का महत्व:

यह फैसला झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही पर एक सख्त संदेश है। बिना लाइसेंस इलाज करने वाले ऐसे लोगों के खिलाफ अब सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। यह मामला बताता है कि कानून अब ऐसे झोलाछापों को बख्शने वाला नहीं।

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Author: Deepak Mittal

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