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ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 31.36 लाख रुपये की ठगी, रेलवे अधिकारी बना शिकार

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जे के मिश्र ब्यूरो प्रमुख बिलासपुर

बिलासपुर। ऑनलाइन ट्रेडिंग में बड़ा मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर अपराधियों ने रेलवे के सहायक कार्यपालन अभियंता (ट्रैक मशीन) अनिल एक्का से 31.36 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित अनिल एक्का, निवासी रेलवे कॉलोनी, बिलासपुर, ने सिविल लाइन थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई है।

व्हाट्सएप के जरिए साइबर ठगी

अनिल एक्का ने बताया कि 25 अगस्त 2024 से 23 जनवरी 2025 के बीच व्हाट्सएप पर खुद को ‘मिस अन्यथा सिंह’ बताने वाली एक महिला ने उनसे संपर्क किया। महिला ने उन्हें “Motilal Oswal Institutional Account (MOIA)” के नाम से ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए प्रेरित किया और एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा, जिसमें 260 से अधिक सदस्य थे।

फर्जी विशेषज्ञों के जरिए विश्वास जीतकर पैसे ऐंठे

इस ग्रुप में खुद को मोतीलाल ओसवाल कंपनी का चेयरमैन बताने वाले व्यक्ति द्वारा ट्रेडिंग से जुड़े टिप्स दिए जाते थे। ग्रुप के अन्य सदस्य भी ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने के दावे करते थे, जिससे अनिल एक्का को भरोसा हो गया।

फर्जी कस्टमर केयर प्रतिनिधियों के निर्देश पर उन्होंने अलग-अलग बैंक खातों में कुल 31.36 लाख रुपये जमा कर दिए। जब उन्होंने अपना पैसा वापस निकालने की कोशिश की, तो अकाउंट ब्लॉक हो गया और कोई एक्सेस नहीं मिला।

बचत और उधार की रकम गंवाई

अनिल एक्का ने बताया कि उन्होंने यह राशि अपनी बचत और दोस्तों से उधार लेकर जमा की थी। लेकिन जब पैसे निकालने का प्रयास किया गया, तो पता चला कि पूरा खाता फर्जी था और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा।

साइबर पुलिस ने शुरू की जांच

सायबर पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 3(5)-BNS और 318(4)-BNS के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल, पुलिस साइबर अपराधियों के बैंक खातों की जानकारी जुटाने और उनका पता लगाने में लगी हुई है।

सावधानी बरतें, ऐसे साइबर अपराधों से बचें

अनजान व्हाट्सएप ग्रुप और ऑनलाइन निवेश के प्रलोभन से बचें।

ट्रेडिंग या निवेश से पहले कंपनी की विश्वसनीयता की पुष्टि करें।

साइबर ठगी का शिकार होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।

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Author: Deepak Mittal

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