जे के मिश्र बिलासपुर – छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक शिक्षक के खिलाफ दायर दुष्कर्म के मामले में शिक्षिका की याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता एक शिक्षिका है और वह अच्छी तरह से समझती है कि संबंध उसकी सहमति से बने थे। ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए, हाईकोर्ट ने शिक्षक को दोषमुक्त कर दिया है।
झूठे आरोपों पर अदालत ने दी कड़ी टिप्पणी
ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिक्षिका ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोपी शिक्षक को सजा दिलाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने खुद को पीड़िता बताया और आरोपी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, अदालत ने मामले में झूठे आरोप लगाने पर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए याचिका को खारिज कर दिया और ट्रायल कोर्ट द्वारा आरोपी को दोषमुक्त किए जाने के फैसले को सही ठहराया।
सहमति से बने थे संबंध: हाईकोर्ट की टिप्पणी
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता शिक्षिका है, जो सब कुछ समझती है। संबंध उसकी सहमति से ही बने थे। कोर्ट ने याचिकाकर्ता की कहानी को अविश्वसनीय करार दिया और कहा कि इसमें कोई ठोस साक्ष्य नहीं है जो आरोपी शिक्षक को दोषी साबित कर सके।
पड़ोसियों को नहीं थी घटना की भनक
ट्रायल कोर्ट में दिए गए गवाहों के बयान और जांच के दौरान यह पाया गया कि शिक्षिका जिस मोहल्ले में रहती थी, वहां किसी भी पड़ोसी को इस कथित घटना की जानकारी नहीं थी। यहां तक कि घटना के बाद भी पीड़िता ने किसी से इसका जिक्र नहीं किया। आरोपी शिक्षक के पक्ष में गवाहों ने बताया कि उसके समुदाय में चूड़ी पहनाकर शादी करने की प्रथा है और इसी प्रथा के तहत आरोपी ने शिक्षिका को चूड़ी पहनाकर अपने घर लाया था।
कोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में याचिकाकर्ता के द्वारा पेश किए गए सभी तर्कों को अविश्वसनीय मानते हुए कहा कि शिक्षिका होने के नाते वह पूरी स्थिति को समझती हैं और बिना सहमति के संबंध बनना संभव नहीं था।
मामला क्या है?
बलौदाबाजार जिले की एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका ने शिकायत दर्ज करवाई थी कि वह अपने बच्चे के साथ किराए के मकान में रहती थी। जुलाई 2018 में, एक दिन दोपहर के समय, पास के गांव के मिडिल स्कूल के शिक्षक ने उसके घर आकर पहले उसके बच्चे को 100 रुपये देकर चॉकलेट लेने भेज दिया और फिर शादी का प्रस्ताव रखा। जब उसने मना किया तो शिक्षक ने बच्चे को नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर उसके साथ जबरदस्ती की। इसके बाद, आरोपी शिक्षक बार-बार उसके घर आता रहा।
शिक्षिका की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी शिक्षक के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया। हालांकि, ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान पर्याप्त सबूत न मिलने के कारण आरोपी को दोषमुक्त कर दिया गया था।
