जे के मिश्र
जिला ब्यूरो चीफ
नवभारत टाइम्स 24*7in बिलासपुर
बिलासपुर छत्तीसगढ़ में 108 एम्बुलेंस सेवा की खस्ताहाल स्थिति को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बिभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीर मानते हुए लगातार मॉनिटरिंग का फैसला लिया है। अब इस पर अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में 298 बेसिक लाइफ सपोर्ट और 30 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस संचालित हैं। सभी में दवाइयां और जरूरी उपकरण मौजूद होने का दावा भी शासन की ओर से किया गया।
हालांकि, पिछली सुनवाई में कोर्ट को सौंपे गए स्वास्थ्य विभाग के सचिव के हलफनामे में ये भी स्वीकार किया गया कि कई 108 एंबुलेंस वर्षों से बिना निरीक्षण के चल रही हैं। साल 2019 से संचालित इन वाहनों की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। नियमों के अनुसार, तीन लाख किमी से अधिक चल चुकी एंबुलेंस को सेवा से बाहर किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसे वाहन अब भी दौड़ रहे हैं — वह भी बिना फिटनेस जांच के।
मामले की सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि कई एम्बुलेंसों में फर्स्ट एड बॉक्स, जीवन रक्षक दवाएं और उपकरण पर्याप्त नहीं हैं। यहां तक कि कुछ मामलों में एक्सपायरी दवाइयों के इस्तेमाल की भी शिकायत मिली, जो शिविरों के दौरान मरीजों को दी जा रही थीं।
हाईकोर्ट ने इस पूरे मसले को बेहद गंभीर मानते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया है। अब देखने वाली बात होगी कि 26 अगस्त की अगली सुनवाई से पहले शासन ज़मीनी स्तर पर क्या कदम उठाता है।
