हेलमेट का झटका! अब बिना हेलमेट शराब के दरवाज़े बंद – शराबियों में हड़कंप

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Deepak Mittal

दल्लीराजहरा। दल्लीराजहरा शहर सहित क्षेत्र के अलावा बालोद जिले में शराब खरीदने वालों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। अब बोतल लेने से पहले हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। नया नियम लागू होते ही शराब प्रेमियों में खलबली मच गई है। अब तक हेलमेट का रिश्ता सिर्फ बाइक और ट्रैफिक पुलिस से था, लेकिन अब शराब की दुकान तक पहुंचने में भी ये “सर की टोपी” जरूरी हो गई है।

आबकारी विभाग का अमला पेट्रोल पंपों के अलावा सभी देशी-विदेशी शराब दुकानों के बाहर तैनात है। दुकानों के दरवाज़ों पर बड़े-बड़े नोटिस चस्पा हैं — “बिना हेलमेट शराब नहीं”. नतीजा यह हुआ कि कई शराबी आधे रास्ते से ही लौट गए, तो कई ने पास के दोपहिया सवार से हेलमेट उधार लेकर अपनी बोतल हासिल की।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह नियम सड़क सुरक्षा के नाम पर शराब प्रेमियों को परेशान करने जैसा है। “हम पीने आए हैं, रेस लगाने नहीं… तो हेलमेट क्यों?”  एक निराश शराब प्रेमी ने शिकायत करते हुए कहा। वहीं, कुछ लोग मजाक में कह रहे हैं कि अब शराब के साथ हेलमेट भी पैकेज में देना चाहिए।

नियम लागू होने के पहले दिन ही शराब दुकानों पर अजीब नज़ारे देखने को मिले। कोई हेलमेट सिर पर उल्टा पहनकर पहुंचा, तो कोई पुराने स्कूटर का टूटा-फूटा हेलमेट लेकर लाइन में लग गया। कुछ तो हाथ में बर्तन का ढक्कन भी ले आए, दावा करते हुए कि “ये भी तो हेलमेट जैसा है।”

जहां प्रशासन का दावा है कि यह कदम शराब सेवन के बाद सड़कों पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए है, वहीं शराब प्रेमियों का मानना है कि यह सिर्फ “नशे के मज़े में खलल” डालने की साज़िश है। अब देखना होगा कि यह नियम सड़क सुरक्षा बढ़ाएगा या हेलमेट बेचने वालों की बिक्री,

बिना हेलमेट नहीं मिल रहा पेट्रोल,,

सड़क सुरक्षा अभियान के तहत दल्लीराजहरा सहित जिले में एक महीने से बिना हेलमेट पेट्रोल देने पर रोक लगी हुई है. इसी मुहिम को अब शराब दुकानों पर लागू किया गया है. इसके साथ ही कलेक्ट्रेट परिसर में भी आने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी हेलमेट पहनना अनिवार्य किया गया है.

हादसे रोकने के लिए पहल,,

नए निर्देश को लेक कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने कहा कि पिछले साल की तुलना में सड़क हादसों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इन हादसों को रोकने के लिए नियमों में सख्ती जरूरी हो गई है. लोगों की सुरक्षा प्रशासन की पहली प्राथमिकता है और इसके लिए सभी विभाग और आम जनता से अभियान में भागीदारी की अपील की गई है!.

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Author: Deepak Mittal

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