नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी ने जहां हमारे जीवन को आसान बनाया है, वहीं यह हमारी प्राइवेसी के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। इंटरनेट पर कई ऐप्स और टूल्स हमारे स्मार्टफोन से लगातार डेटा इकट्ठा कर रहे हैं।
हाल ही में गूगल क्रोम और Gemini इंटीग्रेशन को लेकर बड़ी चेतावनी जारी हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल अब अपने ब्राउज़र के जरिए आपके स्मार्टफोन से संवेदनशील डेटा एकत्र कर रहा है। इसमें शामिल हैं:
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नाम, लोकेशन और डिवाइस आईडी
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ब्राउज़िंग और सर्च हिस्ट्री
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प्रोडक्ट इंटरैक्शन और खरीददारी का रिकॉर्ड
यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए खतरनाक
गूगल ने क्रोम में Gemini को जोड़ने की घोषणा की है, जिसे कंपनी अब तक का सबसे बड़ा अपग्रेड बता रही है। लेकिन Surfshark की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह अपडेट यूज़र्स की प्राइवेसी के लिए सबसे खतरनाक है। रिपोर्ट के अनुसार, क्रोम और Gemini मिलकर 24 तरह का डेटा ट्रैक करते हैं, जो किसी अन्य एआई ब्राउज़र की तुलना में कहीं ज्यादा है।
दूसरे ब्राउज़रों से तुलना:
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Microsoft Edge + Copilot: आधा डेटा ट्रैक
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Perplexity, Opera, Brave: बहुत कम जानकारी इकट्ठा
एक्सटेंशन और थर्ड-पार्टी कंपनियां:
Edge और Firefox जैसे ब्राउज़र भी AI एक्सटेंशन (जैसे ChatGPT) का सपोर्ट देते हैं। लेकिन इन टूल्स को इंस्टॉल करने से आपकी पर्सनल जानकारी थर्ड-पार्टी कंपनियों तक पहुँच सकती है। कई बार आधिकारिक स्टोर से डाउनलोड किए गए एक्सटेंशन भी डेटा चोरी में पकड़े गए हैं।
डेटा तुरंत पहुंचता है कंपनियों के पास:
गूगल का कहना है कि “Gemini in Chrome केवल तभी एक्टिव होता है जब आप इसका इस्तेमाल करें।” लेकिन जैसे ही आप इसका इस्तेमाल करेंगे, आपकी जानकारी सीधे कंपनी के पास पहुंच जाती है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि हर अपलोड की गई फोटो में आपके चेहरे की बायोमेट्रिक जानकारी, GPS लोकेशन, डिवाइस डिटेल और सोशल नेटवर्क पैटर्न जैसी संवेदनशील जानकारी छिपी होती है।
बचाव के उपाय:
अगर आप Chrome में Gemini का इस्तेमाल कर रहे हैं तो कुछ सेटिंग्स बदलकर आंशिक रूप से डेटा कंट्रोल किया जा सकता है। यूज़र्स को सलाह दी जा रही है कि वे अपने डेटा की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतें और जरूरत पड़ने पर ब्राउज़र सेटिंग्स अपडेट करें।

Author: Deepak Mittal
