श्रम विभाग की योजना से गीता नाग बनी आत्मनिर्भर: ई-रिक्शा चलाकर कर रही हैं परिवार का भरण-पोषण

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

रायपुर, 24 सितंबर 2025:
कोंडागांव जिला मुख्यालय के भेलवा पदर वार्ड की रहने वाली गीता नाग का जीवन पहले संघर्ष और चिंता से भरा हुआ था। बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया था।

गीता ने बताया कि इस समय उनकी मुलाकात सामाजिक कार्यकर्ता इना श्रीवास्तव से हुई। बातचीत के दौरान इना ने उन्हें श्रम विभाग की स्वरोजगार योजना के बारे में बताया, जिसके तहत श्रमिक परिवारों को लोन की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। गीता ने हिम्मत जुटाई और इस योजना के लिए आवेदन किया। जल्द ही उन्हें 50,000 रुपये का लोन स्वीकृत हुआ।

इस राशि से गीता ने ई-रिक्शा खरीदा और धीरे-धीरे कोंडागांव शहर की गलियों और रास्तों पर सेवा देने लगीं। शुरुआती दिनों में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन हिम्मत और लगन के बल पर उन्होंने हार नहीं मानी।

गीता ने कहा, “पहले मेरे ऊपर कर्ज का बोझ था, लेकिन अब ई-रिक्शा से होने वाली आमदनी से मैं धीरे-धीरे कर्ज चुका चुकी हूँ। अब मैं अपने परिवार का खर्चा आसानी से चला पा रही हूँ।”

आज गीता नाग आत्मविश्वास के साथ कहती हैं कि ई-रिक्शा उनके जीवन का सहारा बन गया है। वह रोज यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाती हैं और इसी से घर का खर्चा चलता है। परिवार के लोग भी गर्व महसूस करते हैं कि गीता ने न केवल अपनी जिम्मेदारी निभाई बल्कि आत्मनिर्भरता की मिसाल भी कायम की।


अगर चाहें तो मैं इसे थोड़ा और अधिक प्रेरक और क्लिक-बेटिंग शैली में भी तैयार कर सकता हूँ, ताकि यह न्यूज़ पोर्टल पर पढ़ने वालों को तुरंत आकर्षित करे और पढ़ने के लिए मजबूर करे।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment