बेटी के बर्थडे पर ही सजी अर्थी, पिता ने दिल पर पत्थर रखकर चिता पर काटा केक, देखकर सभी रोए

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

कवर्धा। कभी सोचा नहीं था कि जिस दिन बेटी केक काटेगी, उसी दिन उसे मुखाग्नि दूंगा—यह शब्द थे उस पिता के, जिसकी 14 वर्षीय बेटी आदित्री भट्टाचार्य का जन्मदिन मंगलवार को था।

लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। चिल्फी थाना क्षेत्र के अकलघरिया के पास रविवार शाम बोलेरो-ट्रक हादसे में मां-बेटी की मौत के बाद जब शव 43 घंटे तक अस्पताल में बिना फ्रीजर रखे पड़े रहे, तब स्वजन का दुख और बढ़ गया। अंततः कवर्धा के लोहारा रोड मुक्तिधाम में मां परम भट्टाचार्य और बेटी आदित्री का अंतिम संस्कार हुआ। पिता ने बेटी की अंतिम इच्छा को याद करते हुए जन्मदिन पर ही मुक्तिधाम में केक काटा और विदाई दी। वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। जिसने भी यह दृश्य देखा, उसका हृदय द्रवित हो उठा।

इस दर्दनाक दुर्घटना में पांच लोगों की मौत और पांच घायल हुए थे। हादसे के बाद बोड़ला अस्पताल में चार शवों को 24 घंटे तक बिना फ्रीजर और बिना बर्फ के खुले कमरे में रखना पड़ा, जिससे अस्पताल परिसर में दुर्गंध और संक्रमण का खतरा फैल गया। घटना के 43 घंटे बाद मंगलवार को पोस्टमार्टम पूरा हुआ, वही कवर्धा के लोहारा रोड स्थित मुक्तिधाम में मां-बेटी का अंतिम संस्कार किया गया। सबसे भावनात्मक पल वह था, जब जिस बच्ची का जन्मदिन मंगलवार को था, उसी दिन उसे मुखाग्नि दी गई। बच्ची के पिताजी ने बताया कि दो दिन पहले फोन पर बात हुई थी, जिसमें बच्ची ने इस बार अपने जन्मदिवस को और ज्यादा अच्छे से मनाने और नये कपड़े लेने की बात कही थी, पर कभी यह नही सोचा था कि मुक्तिधाम मे बैठकर बच्ची का जन्मदिवस मनाऊंगा।

मृतकों और घायलों की सूची जारी

पुलिस और जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, हादसे में जिनकी मौत हुई, उनमें परम भट्टाचार्य (46 वर्ष), आदित्री भट्टाचार्य (14 वर्ष), पोपी बर्मन (48 वर्ष), अन्वेषा सोम (41 वर्ष), अजय कुशवाहा (ड्राइवर) शामिल हैं, ये सभी कोलकाता (पश्चिम बंगाल) के निवासी थे, जो कान्हा केसली से लौटते समय अकलघरिया के पास बोलेरो और ट्रक की आमने-सामने भिड़ंत में मारे गए। वही घायलों की पहचान अरनदीप दास (10 वर्ष), मुनमुन बेग (42 वर्ष), रिताभास सरकार (17 वर्ष), अद्रिका भट्टाचार्य (18 वर्ष) और सुप्रीति मांझी (19 वर्ष) के रूप में हुई है। सभी घायल कवर्धा जिला अस्पताल में उपचाररत हैं और उनकी स्थिति अब सामान्य है।

मां-बेटी का अंतिम संस्कार, जिसने सबको रुला दिया

हादसे के तीन दिन बाद जब परिजन कोलकाता से कवर्धा पहुंचे, तो जिले में शोक की लहर फैल गई। दो शवों को परिजन लेकर कोलकाता रवाना हो गए, जबकि मां परम भट्टाचार्य और बेटी 14 वर्षीय आदित्री भट्टाचार्य का अंतिम संस्कार कवर्धा के लोहारा रोड स्थित मुक्तिधाम में किया गया। जब मुक्तिधाम की चिताओं पर मां-बेटी की अंतिम विदाई हो रही थी, उस क्षण पूरे शहर में सन्नाटा छा गया। उपस्थित लोग उस वक्त भावनाओं से भर उठे, क्योंकि मंगलवार को ही आदित्री का जन्मदिन था। जिस दिन वह केक काटने वाली थी, उसी दिन उसे मुखाग्नि दी गई यह दृश्य हर किसी को भीतर तक तोड़ गया।

सीएमएचओ ने मानी कमी, मांगी रिपोर्ट

कवर्धा के सीएमएचओ ने स्वीकार किया कि जिले की शव संरक्षण व्यवस्था अत्यंत सीमित है। उन्होंने कहा कि अब सभी ब्लॉक बीएमओ को अपने अस्पतालों की स्थिति और आवश्यकताओं की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

अब शुरू हुई समीक्षा और सुधार की पहल

हादसे के बाद सीएमएचओ कार्यालय ने जिलेभर में शव संरक्षण व्यवस्था की समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रत्येक ब्लाक अस्पताल से फ्रीजर, मार्चुरी और आपात उपकरणों की सूची मांगी गई है। अगले सप्ताह होने वाली जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में इस विषय पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में हर ब्लाक अस्पताल में कम से कम दो फ्रीजर यूनिट और एक स्थायी मार्चुरी कक्ष स्थापित किए जाएं।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment