मुड़पार गाँव में जल योजना से हर घर खुश,,,,हर घर को जलग्राम घोषित करके जल उत्सव का आयोजन

मुड़पार गाँव में जल योजना से हर घर खुश,,,,हर घर को जलग्राम घोषित करके जल उत्सव का आयोजन
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Deepak Mittal

केंद्र और राज्य सरकार की मिलीभगत पहल से हर घर जल योजना का लक्ष्य पूरा हो रहा है। झिटकी ग्राम पंचायत के आश्रित गाँव मुड़पार उड़ीसा सीमा से सटे बागबाहरा विकासखंड में है। जल जीवन मिशन योजना के तहत गांव को “हर घर जल ग्राम” घोषित करने के लिए एक जल उत्सव का आयोजन किया गया था। ग्रामीणों के साथ सरपंच पुनऊराम ठाकुर, सचिव कृष्णचंद पटेल और जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के कार्यपालन अभियंता देव प्रकाश वर्मा ने सफल प्रयास किए।

मुड़पार वनांचल क्षेत्र था, इसलिए जलापूर्ति प्रणाली बनाना मुश्किल था। प्राकृतिक बाधाओं और दूरस्थ स्थानों में आवश्यक संसाधन जुटाना भी मुश्किल था। इसके बावजूद, जिला प्रशासन ने गाँव की जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और हर घर को नल से शुद्ध पेयजल देने का फैसला किया। 53.13 लाख रुपये की लागत से 40 किलोलीटर की क्षमता की जल टंकी का निर्माण किया गया और 158 घरों में नल कनेक्शन स्थापित किए गए।

जल आपूर्ति परियोजना पूरी होने के बाद, गाँव के लोग अब घर में ही शुद्ध पानी प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उन्हें पहले की तरह लंबी दूरी तय कर पानी लेने नहीं जाना पड़ता। यह न केवल समय की बचत कर रहा है, बल्कि गांव वासियों के स्वास्थ्य और जीवनशैली में भी सकारात्मक परिवर्तन लाया है। शुद्ध पेयजल की सुविधा मिलने से बच्चों और बुजुर्गों को विशेष राहत मिली है, और पूरे गाँव में एक खुशहाल वातावरण बन गया है।

हर घर जल योजना के सफलतापूर्वक पूरा होने पर गाँव में “हर घर जल उत्सव“ मनाया गया। जिला मुख्यालय से पहुंची टीम ने जल आपूर्ति प्रणाली का निरीक्षण किया, और सरपंच पुनऊराम ठाकुर ने परियोजना की सफलता की घोषणा की। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक जल आपूर्ति का संचालन ठेकेदार द्वारा किया जाता था, लेकिन अब इसे ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को सौंपा जाएगा। गांव वासियों ने जल योजना के रखरखाव के लिए पंप ऑपरेटर का चयन किया और इसके मानदेय के लिए 50 रुपये प्रति घर शुल्क निर्धारित किया गया।

जल उत्सव के दौरान ग्रामवासियों ने अपने सहयोग से इस योजना की सफलता को साझा किया। सरपंच, सचिव, मितानिन दीदी, और जिला समन्वयक के साथ गाँववासियों ने मिलकर इस अवसर पर खुशियाँ मनाईं। यह परियोजना न केवल एक बुनियादी सुविधा प्रदान करती है, बल्कि गाँव में सामुदायिक सहयोग और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देती है।मनरेगा के तहत कूप बनाने की सुविधा…….अब किसान राममिलन में धान के अलावा गेंहू, आलू, अरहर और मकई की फसलों का लाभ भी ले पा रहे हैं।


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Author: Deepak Mittal

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