जशपुर, छत्तीसगढ़ | 18 जून 2025
जशपुर जिले के कांसाबेल वन परिक्षेत्र में जंगली हाथी ने बीती रात जमकर उपद्रव मचाया। नकबार गांव में एक ग्रामीण के घर में घुसकर हाथी ने तोड़फोड़ की और घर में रखा अनाज चट कर गया। घटना के वक्त घर में मौजूद लोगों ने भागकर किसी तरह अपनी जान बचाई।
घटना से गांव में भय का माहौल
इस घटना से पूरे गांव में दहशत फैल गई है। ग्रामीण डरे हुए हैं और लगातार वन विभाग से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। हाथी के इस हमले के बाद गांव के कई लोग रात में अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए हैं।
वन विभाग की चेतावनी और निगरानी
वन विभाग की टीम ने गांव में मुनादी कराकर जंगल की ओर न जाने की चेतावनी दी है। वनकर्मियों ने बताया कि इस समय कांसाबेल रेंज में करीब 24 हाथियों का दल सक्रिय है, जिनका मूवमेंट लगातार ट्रैक किया जा रहा है।
वन अमले ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और ग्रामीणों से सावधानी बरतने की अपील की है।
हाथी ने इस तरह मचाया तांडव
प्राप्त जानकारी के अनुसार, देर रात हाथी नकबार गांव में एक घर में घुस गया और दीवारें तोड़ दीं, दरवाजे उखाड़ दिए। घर में रखे धान, चावल और अन्य अनाज को खा गया। इस दौरान लोग जैसे-तैसे घर से निकलकर पास के खेतों और झाड़ियों में छिप गए।
वन्यजीव-मानव संघर्ष की बढ़ती घटनाएं
छत्तीसगढ़ के जशपुर, सूरजपुर और कोरबा जैसे जिलों में हर साल हाथियों के हमले की कई घटनाएं सामने आती हैं, जिनमें कभी-कभी जान-माल की हानि भी होती है। वन क्षेत्रों में मानव घुसपैठ और हाथियों के पारंपरिक मार्गों में अतिक्रमण इस टकराव की बड़ी वजह माने जाते हैं।
जशपुर की यह घटना वन्यजीव और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष की एक और बानगी है। हाथियों का दल यदि गांवों की ओर रुख कर रहा है तो यह न केवल ग्रामीणों के जीवन के लिए खतरा है, बल्कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिहाज से भी गंभीर चुनौती है।
सरकार और वन विभाग को स्थायी समाधान, जैसे हाथी कॉरिडोर का संरक्षण, अर्ली वॉर्निंग सिस्टम और स्थानीय स्तर पर जन-जागरूकता, पर गंभीरता से काम करना होगा।
