दल्लीराजहरा। क्षेत्र के पेट्रोल पंपों में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट को लेकर सख्ती बरती जा रही है। बिना हेलमेट पहुंचे ग्राहकों को पेट्रोल देने से साफ इंकार किया जा रहा है। एसोसिएशन इसे जन-जागरूकता अभियान बता रहा है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या खुद पेट्रोल पंप संचालक उन नियमों का पालन कर रहे हैं, जो कंपनियों द्वारा अनिवार्य किए गए हैं?
कंपनियों के दिशा-निर्देशों के अनुसार हर पेट्रोल पंप पर फ्री पेयजल, फ्री हवा एवं फ्री शौचालय जैसी सुविधाएं अनिवार्य हैं, लेकिन शहर के कई पंपों में इनका अभाव देखने को मिला। नवभारत टाइम्स 24 x7.in की पड़ताल में सामने आया कि कहीं फ्री हवा उपलब्ध नहीं है, तो कहीं शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब खुद पंप संचालक नियम तोड़ रहे हैं, तो उन्हें जनता पर पाबंदी लगाने का क्या अधिकार है?
जांच और निगरानी पर भी उठे सवाल
पेट्रोलियम कंपनियों के बनाए नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी जांच तक नहीं हो रही। पहले पेट्रोल पंप खोलने के लिए जिला प्रशासन के खाद्य विभाग से लाइसेंस लेना पड़ता था, जिससे विभाग निगरानी रखता था। लेकिन अब नए नियम के तहत पेट्रोलियम कंपनियों को फ्री होल्ड कर दिया गया है। नतीजा यह है कि ना ही खाद्य विभाग निगरानी कर रहा है और ना ही जिला प्रशासन।

जनता के साथ सीधी लापरवाही
ग्राहकों को हेलमेट के नाम पर परेशान करना और दूसरी ओर बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखना, सीधे तौर पर जनता के साथ लापरवाही और अन्याय है। यदि नियमों का पालन करवाना है तो पहले पेट्रोल पंप संचालकों को खुद ईमानदारी से कंपनियों के मानकों पर खरा उतरना होगा। जिला प्रशासन की चुप्पी और पंप संचालकों की मनमानी ने साफ कर दिया है कि आम जनता की सुविधा और सुरक्षा से किसी को सरोकार नहीं है।
जनता अब सवाल पूछ रही है – नियम सिर्फ आम लोगों के लिए हैं या पेट्रोल पंप संचालकों और प्रशासन पर भी लागू हों,!
क्या कहते हैं अधिकारी,,
जिला खाद्य अधिकारी तुलसी ठाकुर कहते हैं की पेट्रोल पंप के संचालकों को मूलभूत सुविधाएं,शौचालय, हवा एवं अन्य सुविधाएं देना ही है,,पेट्रोल पंप में उपलब्ध आवश्यक है अगर किसी पेट्रोल पंप में मूलभूत सुविधा नहीं है तो आकस्मिक छापामारवाही कार्यवाही की जाएगी,,!

Author: Deepak Mittal
