बलौदाबाजार: वर्तमान समय में साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय ठगी की घटनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं। आम नागरिकों को इन खतरों से बचाने और उन्हें वित्तीय रूप से जागरूक बनाने के लिए ठोस कदम उठाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इसी दिशा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में कलेक्टर दीपक सोनी की पहल पर जिला-स्तरीय “अर्थशाला” (फाइनेंस लैब) स्थापित की गई है।
यह फाइनेंस लैब आम नागरिकों को साइबर खतरों से बचाव, आधुनिक वित्तीय प्रणाली, सुरक्षित लेनदेन के तरीके और डिजिटल बैंकिंग के उपयोग से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। जिला फाइनेंस लैब पंडित चक्रपाणि शुक्ल शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बलौदाबाजार में 2 नवम्बर 2025 से संचालित हो रही है।
एक महीने से भी कम समय में लगभग 730 युवा इस फाइनेंस लैब से जुड़ चुके हैं, जो इसकी सफलता को दर्शाता है। इस पहल के माध्यम से युवाओं में वित्तीय अवधारणाओं को समझने और सुरक्षित एवं जिम्मेदार वित्तीय व्यवहार विकसित करने की रुचि बढ़ी है।
फाइनेंस लैब के उद्देश्य
फाइनेंस लैब का मुख्य उद्देश्य बच्चों और युवाओं को व्यावहारिक वित्तीय शिक्षा से जोड़ना है। आज केवल सैद्धांतिक ज्ञान पर्याप्त नहीं है — वित्तीय साक्षरता और व्यावहारिक समझ भी उतनी ही आवश्यक है। इसी सोच के साथ फाइनेंस लैब को इस प्रकार तैयार किया गया है कि छात्र, युवा और जिले के नागरिक खेलों, गतिविधियों और नवाचार आधारित प्रशिक्षण के माध्यम से वित्तीय अवधारणाओं को आसानी से सीख सकें।
फाइनेंस लैब की अवधारणा
यह एक समर्पित प्लेटफॉर्म है जो छात्रों, निवेशकों और आम जनता को वास्तविक जीवन के वित्तीय परिदृश्यों और उपकरणों के साथ अभ्यास करने का अवसर देता है। यहाँ बजट बनाने, बचत करने, बीमा लेने और निवेश करने के बारे में सूचित और विचारशील निर्णय लेने की क्षमता विकसित की जाती है।
फाइनेंस लैब में लक्ष्य कक्ष, आकांक्षा कक्ष और उड़ान कक्ष जैसी विशेष सुविधाएँ उपलब्ध हैं, जो विद्यार्थियों को व्यवसाय और स्टार्टअप में मार्गदर्शन देती हैं। ग्रुप एक्टिविटीज के माध्यम से ऑक्शन प्रक्रिया की जानकारी भी दी जाती है। ग्रामीण अंचल के युवाओं के लिए यह वित्तीय साक्षरता का एक अत्यंत लाभकारी मंच साबित हो रहा है।
फाइनेंस लैब के लाभ
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नागरिक सही वित्तीय और डिजिटल लेनदेन के तरीके सीख सकेंगे।
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साइबर फ्रॉड, फ़िशिंग, एटीएम स्कैम और फर्जी निवेश से बचाव में मदद मिलेगी।
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सही निवेश और वित्तीय प्रबंधन की समझ विकसित होगी।
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ग्रामीण और शहरी दोनों समुदायों में वित्तीय साक्षरता बढ़ेगी।
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युवाओं को नई तकनीक और सुरक्षित वित्तीय सेवाओं से जुड़ने के अवसर मिलेंगे।
बलौदाबाजार की यह पहल पूरे देश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बनकर उभरी है।
Author: Deepak Mittal









