उप मुख्यमंत्री शर्मा ने सुदूर वनांचल ग्राम कच्चापाल में बस्तर ओलंपिक 2025 का किया शुभारंभ
रायपुर, 25 अक्टूबर 2025/ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पारंपरिक खेलों को प्रोत्साहित करने, बस्तर संभाग के जनजातीय बहुल एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं की खेल प्रतिभा को पहचानने और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से ‘बस्तर ओलंपिक 2025’ का आयोजन किया जा रहा है। जिसका नारायणपुर के सुदूर वनांचल ग्राम कच्चापाल में शुभारंभ आज उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा द्वारा किया गया।
इस अवसर पर ईरकभट्टी और कच्चापाल की ग्रामीण महिलाओं के मध्य रस्साकसी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें ईरकभट्टी के महिलाओं ने बाजी मारी।उपमुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से मुलाकात कर सभी का उत्साहवर्धन भी किया। उन्होंने खिलाड़ियों में उत्साह को देखते हुए सभी को बस्तर ओलंपिक 2025 की टीशर्ट का वितरण किया। यह प्रतियोगिता विकासखंड, जिला और संभाग स्तर पर तीन चरणों में आयोजित होगी। बस्तर ओलंपिक 2025 में बस्तर संभाग में 03 लाख 80 हजार से अधिक प्रतिभागियों ने भाग ले रहे हैं, जिसमें नारायणपुर में 47 हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री शर्मा ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक केवल खेल नहीं है यह बस्तर की समरसता, बंधुत्व, विश्वास और एकता का प्रतीक भी है। यह ओलंपिक बस्तर के युवाओं को अपनी नैसर्गिक प्रतिभा के प्रदर्शन का एक मंच प्रदान करने के साथ उनमें आत्मविश्वास जगाने और खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का एक माध्यम भी है। हमें पूरा भरोसा है कि इस ओलंपिक के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी प्रदेश को मिलेंगे जो प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में बस्तर का नाम ऊंचा करेंगे।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, उपाध्यक्ष प्रताप सिंह मंडावी, एडीजी विवेकानंद सिन्हा, कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी, कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं, एसपी रॉबिंसन गुड़िया, एसडीएम ओरछा डॉ. सुमित गर्ग, जनपद उपाध्यक्ष ओरछा मंगडूराम नूरेटी सरपंच कच्चापाल मती रजमा नूरेटी, जनपद सदस्य जनप्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि बस्तर ओलंपिक का आयोजन 25 अक्टूबर से 30 नवम्बर तक विकासखंड स्तर, जिला स्तर एवं संभाग पर किया जाएगा। जिसमें एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, कराटे, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, रस्साकसी, हॉकी और वेटलिफ्टिंग जैसी खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। जहां जूनियर वर्ग (14 से 17 वर्ष) और सीनियर वर्ग (17 वर्ष से अधिक) के साथ दिव्यांग खिलाड़ी और आत्मसमर्पित नक्सली भी सीधे संभाग स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे।
Author: Deepak Mittal










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