तनोट माता के किए दर्शन, कहा- भारतीय सेना हर परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए तत्पर
जोधपुर, 24 अक्टूबर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को सरहदी जिले जैसलमेर में भारत-पाक सीमा से सटे लोंगेवाला बॉर्डर पर भारतीय सेना की ओर से आयोजित थार शक्ति सैन्याभ्यास का अवलोकन किया।
इस दौरान उन्होंने सेना की आधुनिक युद्धक क्षमताओं और रेगिस्तानी इलाकों में लड़ाई की तैयारी का जायजा लिया। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर जवानों के साहस, पराक्रम और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना हर परिस्थिति में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए तत्पर है। उन्होंने सेना के अधिकारियों से बातचीत कर ऑपरेशनल तैयारियों की जानकारी भी ली।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने जैसलमेर दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर स्थित लोंगेवाला में भारतीय सेना के थार शक्ति अभ्यास का अवलोकन किया। रेगिस्तान की रेत पर सैकड़ों जवानों ने आधुनिक युद्ध क्षमता और दमखम का प्रदर्शन किया। अभ्यास में रोबोट डॉग, ड्रोन, उन्नत वाहन, अत्याधुनिक टैंक और हेलीकॉप्टर शामिल थे, जिन्होंने भविष्य के युद्ध कौशल और गति-ताकत का अनोखा संगम दिखाया। रोबोटिक म्युल के माध्यम से युद्ध क्षेत्र में सप्लाई क्षमता भी प्रदर्शित हुई। रक्षा मंत्री ने जवानों से सीधे बातचीत कर मनोबल बढ़ाया, सडक़ पर चलते हुए उनकी आत्मीयता देखी और भारत माता की जय के जयकारों के बीच देशभक्ति का उत्सव मनाया। इस अवसर पर उन्होंने लोंगेवाला युद्ध स्थल पर चांदपुरी हॉल का उद्घाटन किया, जिसका नाम 1971 के युद्ध नायक मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के सम्मान में रखा गया। उन्होंने लोंगेवाला युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। लोंगेवाला वही ऐतिहासिक स्थल है, जहां 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना ने दुश्मन को करारी शिकस्त दी थी। थार शक्ति अभ्यास के जरिए सेना ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले विश्वविख्यात तनोट राय माता मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना की। इस दौरान उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और बैटल एक्स कमांडर मेजर जनरल आशीष खुराना भी मौजूद रहे। मंदिर परिसर में उनका स्वागत सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक जतिंदर सिंह बिन्जी, समादेष्टा नीरज शर्मा और सहायक समादेष्टा विकास नारायण सिंह ने किया
रक्षा मंत्री ने तनोट माता मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर देश की समृद्धि और सीमाओं की सुरक्षा की कामना की। इसके बाद उन्होंने महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया और मंशा माता मंदिर के समीप स्थित खेजड़ी वृक्ष पर मनोकामना पूर्ति के लिए रूमाल बांधा। उन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान की ओर से गिराए गए वे बम भी देखे, जिनको लेकर मान्यता है कि वे तनोट माता की कृपा से नहीं फटे थे। राजनाथ सिंह ने इस ऐतिहासिक स्थल पर कहा कि तनोट माता के दर्शन कर वे गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और यह स्थान देश की अटूट आस्था एवं शौर्य का प्रतीक है। उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साहस, निष्ठा और देश सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने सीमा पर तैनात जवानों से मुलाकात की। रक्षा मंत्री ने जवानों को अपने हाथों से नाश्ता करवाया और उनकी हौसला अफजाई की। जैसलमेर दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत राजनाथ सिंह ने तनोट माता मंदिर से की। इसके बाद वे वॉर मेमोरियल पहुंचे। उन्होंने यहां 1971 के युद्ध से जुड़ी जानकारियों को पढ़ा। रक्षा मंत्री ने इस दौरान मंदिर परिसर में संरक्षित उन बमों को भी देखा, जो आज भी वहां प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं। यहां लगे फोटोज को लेकर भी जानकारी ली। सिंह ने वॉर मेमोरियल में सैनिकों से भी मुलाकात की।
Author: Deepak Mittal









