रांची। झारखंड में नक्सल उन्मूलन की मुहिम निर्णायक दौर में पहुंच गई है। राज्य पुलिस और सुरक्षा बलों ने इस साल जनवरी से अब तक कुल 24 नक्सलियों को ढेर किया है। लक्ष्य है – मार्च 2026 तक झारखंड को नक्सल मुक्त घोषित करना।
ताजा सफलता रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र की बुर्जुवा पहाड़ी पर मिली। यहां पुलिस ने मुठभेड़ में 10 लाख के इनामी नक्सली अमित हांसदा उर्फ अपटन को मार गिराया। बोकारो जिले के ढोडी गांव का रहने वाला अमित 60 से अधिक नक्सली वारदातों में वांटेड था। पुलिस का कहना है कि वह अब तक कम से कम 20 बार मुठभेड़ों से बच निकला था।
नक्सलियों पर शिकंजा
झारखंड पुलिस के अनुसार, राज्य में हर महीने औसतन तीन नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा रहे हैं। फिलहाल 100 से 150 माओवादी सक्रिय हैं। इनमें से 58 नक्सलियों पर कुल 5 करोड़ 46 लाख रुपए का इनाम घोषित है। मोस्ट वांटेड सूची में भाकपा माओवादी के 13 बड़े उग्रवादी शामिल हैं। इनमें मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी और असीम मंडल पर एक-एक करोड़ का इनाम है।
बड़ी कार्रवाइयाँ
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21 अप्रैल – बोकारो के लुगु पहाड़ पर मुठभेड़, एक करोड़ के इनामी प्रयाग मांझी उर्फ विवेक समेत आठ माओवादी ढेर।
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16 जुलाई – बोकारो में 25 लाख के इनामी कुंवर मांझी समेत दो नक्सली मारे गए।
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24 मई – लातेहार में जेजेएमपी सुप्रीमो और 10 लाख के इनामी पप्पू लोहरा तथा 5 लाख के इनामी प्रभात गंझू का खात्मा।
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5 अगस्त – गुमला में पीएलएफआई कमांडर, 15 लाख के इनामी मार्टिन केरकेट्टा को सुरक्षाबलों ने मार गिराया।
नक्सलवाद पर अंतिम प्रहार
डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुताबिक, राज्य से 95 प्रतिशत नक्सलवाद का सफाया हो चुका है। इस बार बारिश में भी अभियान जारी रखा गया और ग्रामीण इलाकों तक विकास योजनाओं की पहुंच ने नक्सलियों का आधार कमजोर कर दिया है।
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि झारखंड के गठन के बाद से अब तक 823 नक्सली मारे गए, जबकि 554 पुलिसकर्मी शहीद हुए। इस दौरान 836 ग्रामीणों की हत्या भी नक्सलियों ने की है।
सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि अगले आठ महीनों में बचे हुए उग्रवादियों का भी सफाया कर दिया जाएगा और 2026 तक झारखंड को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया जाएगा।

Author: Deepak Mittal
