महासमुन्द। शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महासमुन्द में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के सात दिवसीय विशेष शिविर के द्वितीय दिवस पर “सहकारिता, कृषि और आजीविका” विषय पर विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में आमंत्रित डॉ. सुरेश शुक्ला ने महाविद्यालयीन छात्रों को सहकारिता की महत्ता और इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर मार्गदर्शन दिया।
डॉ. शुक्ला ने अपने उद्बोधन में सहकारिता को आर्थिक और सामाजिक प्रगति का आधार बताते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से न केवल समस्याओं का समाधान किया जा सकता है, बल्कि संसाधनों का प्रभावी उपयोग भी संभव है। उन्होंने सहकारिता को आत्मनिर्भरता और सामुदायिक विकास का महत्वपूर्ण साधन बताया। डॉ. शुक्ला ने कृषि क्षेत्र में सहकारी संस्थाओं के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रणाली किसानों को वित्तीय सहायता, संसाधन प्रबंधन और विपणन में सहयोग प्रदान करती है।
छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “अल्पानाम् अपि वस्तूनाम्, संहति: कार्य साधिका,” अर्थात छोटे-छोटे प्रयास भी सामूहिक रूप से मिलकर बड़े लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। यह उक्ति सहकारिता के मूल सिद्धांत को स्पष्ट करती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि कैसे सहकारी संस्थाएं छोटे किसानों, श्रमिकों और व्यवसायियों को एकजुट करके उनकी समस्याओं का समाधान करती हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी श्री अजय राजा और श्रीमती राजेश्वरी सोनी ने भी छात्रों को सहकारिता के महत्व पर जागरूक किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक लाभ का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज में एकता, समरसता और सहयोग की भावना को भी मजबूत बनाता है।
शिविर में भाग ले रहे छात्रों ने सहकारिता, कृषि और आजीविका के विषय पर व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने यह समझा कि सहकारिता केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक ऐसा उपकरण है, जिससे सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है। इस दौरान छात्रों ने सामूहिक प्रयासों की महत्ता को आत्मसात करते हुए इसे अपने जीवन और कार्यक्षेत्र में अपनाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम की सफलता में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों के साथ-साथ महाविद्यालय के प्राध्यापकों की भी विशेष भूमिका रही। इस प्रकार का आयोजन छात्रों के सामाजिक, आर्थिक और बौद्धिक विकास की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
शिविर का यह सत्र सहकारिता और सामूहिकता की भावना को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ छात्रों को आत्मनिर्भर और जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित होगा ।
संकलनकर्ता – प्रभात मोहंती