बिलासपुर : मोपका ग्राम (खसरा नंबर 1053/1) स्थित शासकीय चरनोई भूमि को कब्रिस्तान हेतु आवंटित किए जाने के प्रयासों के विरुद्ध सनातन समाज की सशक्त एकजुटता और अधिवक्ता निखिल शुक्ला की विधिक पैरवी के चलते अंततः कलेक्टर बिलासपुर द्वारा उक्त आवंटन को निरस्त कर दिया गया।
यह भूमि ग्रामवासियों के पशुधन की चराई हेतु लंबे समय से प्रयुक्त होती रही है और यह ‘चराई मद’ के अंतर्गत राजस्व अभिलेखों में विधिवत दर्ज है। भूमि के उपयोग, महत्व और ग्रामीणों की निर्भरता को ध्यान में रखते हुए सनातन समाज ने इस निर्णय के खिलाफ आवाज बुलंद की।

अधिवक्ता निखिल शुक्ला द्वारा तहसीलदार न्यायालय में प्रस्तुत आपत्ति पत्र में स्पष्ट रूप से इस भूमि के ऐतिहासिक उपयोग, राजस्व अभिलेखों एवं ग्रामवासियों की आवश्यकताओं का तथ्यात्मक और विधिसम्मत उल्लेख किया गया। दस्तावेज़ी प्रमाणों और संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर यह सिद्ध हुआ कि किसी एक धर्म विशेष को इस भूमि का आवंटन सामाजिक समानता, संविधान की भावना और जनहित के विरुद्ध है।
प्रशासन ने इस आपत्ति को गंभीरता से लेते हुए भूमि आवंटन के आदेश को निरस्त कर दिया।
