रायपुर | 31 मई 2025
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले में फंसे IAS अधिकारी समीर विश्नोई, रानू साहू, सौम्या चौरसिया सहित छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने के बाद आज जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा होने वालों में रजनीकांत तिवारी, वीरेंद्र जायसवाल और संदीप नायक के नाम भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सहयोग करें, गवाहों को प्रभावित न करें
सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन पहले सुनवाई के दौरान सभी छह आरोपियों को जमानत देते हुए स्पष्ट किया कि वे जांच में पूर्ण सहयोग करेंगे और गवाहों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करेंगे। साथ ही, आरोपियों को फिलहाल छत्तीसगढ़ से बाहर रहना होगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यदि किसी भी प्रकार से जांच में बाधा पहुंचाने या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश होती है, तो राज्य सरकार जमानत रद्द करने के लिए फिर से अदालत का रुख कर सकती है।
सभी मामलों की एक साथ सुनवाई, एक साथ जमानत
अदालती कार्यवाही को लेकर पहले यह धारणा थी कि अलग-अलग मामलों में आरोपी अलग-अलग समय तक जेल में रहेंगे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कोल लेवी, शराब और डीएमएफ घोटाले से जुड़े सभी मामलों को एक साथ क्लब कर लिया और सामूहिक रूप से जमानत दी।
दो साल से जेल में थे तीनों IAS अधिकारी
-
समीर विश्नोई: माइनिंग डायरेक्टर रहते हुए 13 अक्टूबर 2022 को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए।
-
सौम्या चौरसिया: 2 दिसंबर 2022 को ईडी की गिरफ्त में आईं।
-
रानू साहू: 22 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया गया।
इनके खिलाफ एसीबी, ईओडब्ल्यू और ईडी द्वारा कोल लेवी, शराब और डीएमएफ घोटालों की जांच की जा रही है। ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज कर इन सभी की संपत्तियों की जांच शुरू की थी, जिसमें यह सामने आया कि अवैध रूप से कमाई गई रकम का निवेश विभिन्न क्षेत्रों में किया गया है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
तीनों वरिष्ठ अधिकारियों की रिहाई को लेकर कल पूरे दिन रायपुर सहित राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में सरगर्मी बनी रही। अधिवक्ताओं और कानूनी सलाहकारों की सक्रियता साफ तौर पर नजर आई। हालांकि बेल पेपर्स में देरी की वजह से कल इनकी रिहाई नहीं हो सकी थी, लेकिन आज आखिरकार सभी को जेल से रिहा कर दिया गया।
