आरटीआई से खुला छत्तीसगढ़ का सीमेंट स्कैम , अधिवक्ता संकेत बागानी के सवालों से हिला जीएसटी तंत्र, नुवोको विस्टास पर करोड़ों की टैक्स चोरी का आरोप

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

मोपेड से 30 टन सीमेंट की ढुलाई!  जीएसटी विभाग की चुप्पी पर अब जनता के साथ अदालत भी सवालों में

रायपुर/राजनांदगांव/बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ की सीमेंट इंडस्ट्री में टैक्स चोरी और फर्जी बिलिंग का ऐसा खुलासा हुआ है जिसने शासन-प्रशासन की नींव हिला दी है।
राजनांदगांव के अधिवक्ता संकेत बागानी द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी ने इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया है  परंतु जीएसटी विभाग की खामोशी अब खुद शक के घेरे में है।

राज्य की नामी कंपनी नुवोको विस्टास कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं नूविस्टा लिमिटेड पर करोड़ों रुपए की फर्जी बिलिंग, जीएसटी चोरी, और डीलरों के साथ ठगी के गंभीर आरोप हैं।
अधिवक्ता बागानी ने बताया कि उन्होंने एक महीने से अधिक पहले आठ वाहनों
CG06 GA 9111, CG06 GA 9717, CG04 FD 6128, CG04 LH 7250, CG04 LP 9025, CG04 HK 5083, CG04 LF 6269, CG04 MJ 8861— से जुड़ी जानकारी मांगी थी, पर विभाग ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया।

मोपेड से 25 टन, कार से 22 टन सीमेंट की ढुलाई!
ई-वे बिल और जीएसटी दस्तावेजों से सामने आया कि कंपनी ने जिन वाहनों से सीमेंट ढुलाई दिखाई, वे वास्तव में मोपेड, ऑटो, कार और स्कूल बसें हैं।
उदाहरण के लिए

टीवीएस मोपेड से 20 मीट्रिक टन सीमेंट (30 जनवरी 2022)
दो मोपेड से 30-30 मीट्रिक टन सीमेंट (अक्टूबर 2021)
स्विफ्ट कार से 22 मीट्रिक टन सीमेंट (23 फरवरी 2021)
थ्री-व्हीलर (545 किलो क्षमता) से 25 टन सीमेंट
टाटा एस मिनी ट्रक (735 किलो क्षमता) से 25 टन सीमेंट
ये सभी फर्जी परिवहन ई-वे बिल पोर्टल पर दर्ज हैं

यानी फर्जीवाड़ा सरकारी सिस्टम तक में दाखिल किया गया।
कंपनी ने बिल लिया, सीमेंट नहीं भेजा  डीलर बोले “हैरान हूं!”
बालोद जिले के डीलर मोनिका जैन और अमित जैन (जय ट्रेडर्स) ने बताया,,“कंपनी ने हमारे नाम पर बिल काटा, ट्रांसपोर्ट दिखाया, पैसे लिए, लेकिन एक बोरी सीमेंट तक नहीं भेजी। ट्रक की जगह मोपेड नंबर डाल दिया गया। यह फर्जीवाड़ा किसी फिल्म की कहानी जैसा लगता है!”
आरटीआई का जवाब नहीं  क्या जीएसटी विभाग में मिलीभगत?
अधिवक्ता बागानी ने कहा,,
हमने जीएसटी विभाग को एक महीने पहले आरटीआई भेजी थी, पर कोई जवाब नहीं मिला। सवाल है — क्यों? क्या कोई अधिकारी इस कंपनी के साथ जुड़ा हुआ है? अगर यही मामला किसी छोटे व्यापारी का होता, तो उसका जीएसटी नंबर तुरंत रद्द कर दिया जाता और उसे जेल भेज दिया जाता।”

विभाग की इस चुप्पी ने पूरे तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

शिकायत अब हाईकोर्ट, सेबी और वित्त मंत्रालय तक
बागानी ने इस घोटाले की शिकायत छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट, वित्त मंत्रालय, जीएसटी काउंसिल, और सेबी तक भेजी है।
कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी
गगन रहंगडाले (डिस्ट्रिक्ट मैनेजर), अमित वैद्य (एरिया मैनेजर), देवाशीष देव (सीनियर मैनेजर) और सीएफए शशिभूषण शुक्ला  के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

दो जीएसटी नंबर, एक ही खेल
नुवोको विस्टास कॉर्पोरेशन लिमिटेड – 22AAACL4159L1ZI

नूविस्टा लिमिटेड – 22AABCE7927L1Z
दोनों में एक जैसा पैटर्न  छोटे वाहनों से सीमेंट की ढुलाई दिखाकर करोड़ों के फर्जी बिल तैयार किए गए।
पहली शिकायत 4 सितंबर 2024 को दर्ज की गई थी और दूसरी 11 अगस्त 2025 को CPGRAMS पोर्टल के माध्यम से, लेकिन कार्रवाई का इंतजार अब भी जारी है।

सिर्फ नोटिस देकर मामला ठंडे बस्ते में?
जीएसटी विभाग ने केवल ₹112.48 करोड़ का शो-कॉज नोटिस जारी किया है, जिससे शिकायतकर्ता ने सवाल उठाया


जब हजारों फर्जी गाड़ियाँ पोर्टल पर दिख रही हैं तो केवल नोटिस देकर मामला क्यों दबाया जा रहा है? क्या किसी बड़ी घटना या आदेश का इंतजार है?”

विशेषज्ञ बोले “यह टैक्स फ्रॉड नहीं, कॉर्पोरेट स्कैम है”
वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियां इस तरह की फर्जी बिलिंग से अपनी बिक्री और मार्केट वैल्यू कृत्रिम रूप से बढ़ाती हैं, जिससे शेयर कीमतें ऊपर जाती हैं।
यह केवल टैक्स चोरी नहीं, बल्कि कॉर्पोरेट धोखाधड़ी का गंभीर उदाहरण है।

कंपनी और विभाग की चुप्पी बरकरार
नुवोको विस्टास कॉर्पोरेशन लिमिटेड के छत्तीसगढ़ हेड से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई आधिकारिक बयान नहीं मिला।
इसी तरह नई दिल्ली स्थित जीएसटी मुख्यालय और रायपुर जीएसटी कमिश्नरेट ने भी इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

अब जांच की मांग ईडी, सेबी और इनकम टैक्स तक

शिकायतकर्ता ने कहा कि अब मामला केवल जीएसटी चोरी का नहीं बल्कि आर्थिक अपराध (Economic Offence) का बन गया है, इसलिए
प्रवर्तन निदेशालय (ED), सेबी, और इनकम टैक्स विभाग को भी जांच में शामिल किया जाना चाहिए।

जीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत ऐसे अपराधों पर 200% जुर्माना और 5 वर्ष की सजा का प्रावधान है।

छत्तीसगढ़ की जनता का सवाल  क्या छत्तीसगढ़ में ‘सीमेंट’ के नाम पर भ्रष्टाचार की दीवार खड़ी की जा रही है?

अब यह मामला केवल एक कंपनी का नहीं, बल्कि प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय ईमानदारी और सरकार की साख का बन चुका है।
पूरा प्रदेश यह जानना चाहता है कि
क्या छत्तीसगढ़ सरकार इस “सीमेंट घोटाले” की असली जड़ तक जाएगी,
या फिर यह भी किसी फाइल की तरह धूल फांकता रहेगा?

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Comment

Leave a Comment