रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में आज एक बड़ा मोड़ आ सकता है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा इस घोटाले में संलिप्त आबकारी विभाग के अफसरों को 5 जुलाई को सुबह 11 बजे विशेष न्यायालय में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, नोटिस मिलने के बाद आबकारी अधिकारियों में गिरफ्तारी का डर बना हुआ है। अगर आज गिरफ्तारियां होती हैं, तो यह राज्य निर्माण के बाद अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई मानी जाएगी।
फिलहाल गिरफ्तारी नहीं, लेकिन तलवार लटक रही है
EOW/ACB ने अभी तक किसी भी अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया है। इसकी वजह यह है कि सभी आरोपी राजपत्रित अधिकारी हैं और वर्तमान में राज्य के विभिन्न जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। ऐसे में प्रक्रिया के तहत उन्हें पहले कोर्ट में पेश होने का मौका दिया गया है।
5 जुलाई: फैसला हो सकता है निर्णायक
सभी अधिकारी अपने-अपने अधिवक्ताओं के साथ आज कोर्ट में पेश होंगे। न्यायालय की प्रक्रिया और सुनवाई के बाद ही तय होगा कि किसे राहत मिलेगी और किस पर शिकंजा कसता है।
अभियोजन स्वीकृति और सरकार की मंजूरी का रास्ता साफ
गौरतलब है कि आबकारी विभाग ने 18 अप्रैल 2025 को इस मामले में अभियोजन की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव विधि विभाग को भेजा था, जिसे 20 मई को मंजूरी मिली। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के हस्ताक्षर मिलने के पश्चात पूरक चालान दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी हुई।
शराब घोटाला: अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला
यह घोटाला कांग्रेस शासनकाल में सामने आया था, जिसमें नकली होलोग्राम के माध्यम से अवैध शराब की बिक्री की गई थी। प्रारंभिक जांच में ही हजारों करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान की बात सामने आई थी।
नजरें कोर्ट पर टिकीं
आज की सुनवाई में न्यायालय का निर्णय ही तय करेगा कि छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक ढांचे में हलचल होगी या नहीं। आम जनता और राजनीतिक हलकों की निगाहें इस मामले पर टिकी हुई हैं।
