छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सीबीआई की पहली एंट्री पांच साल बाद, फर्जीवाड़े की जांच में जुटी..

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बिलासपुर: पांच साल के अंतराल के बाद छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सीबीआई ने अपनी पहली एंट्री की है। इस बार सीबीआई का उद्देश्य प्रदेश में हुए एक बड़े फर्जीवाड़े की जांच करना है।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले, पूर्व गृह मंत्री और भाजपा नेता ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितताओं का खुलासा किया था, जिसने प्रदेश की राजनीति में खलबली मचा दी थी। इस खुलासे के बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की

जिसमें प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों, नेताओं और उनके रिश्तेदारों की बैकडोर एंट्री का आरोप लगाया गया था। याचिका में मांग की गई थी कि इन नियुक्तियों को निरस्त किया जाए और पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी सहित दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

पूर्व गृह मंत्री की इस याचिका के बाद, मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा और जांच की मांग उठी। अब, सीबीआई ने इस मामले की जांच के लिए प्रदेश में एंट्री की है और उसने बुधवार को विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और साक्ष्यों को जुटाया गया है, जो फर्जीवाड़े की जांच में मददगार साबित हो सकते हैं।

सीजी पीएससी भर्ती 2021-22 में अनियमितताओं का आरोप
पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में अपने वकील के माध्यम से छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उन्होंने 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट में प्रस्तुत की, जिसमें आरोप लगाया गया कि ये सभी नियुक्तियां राजनीतिक प्रभाव के चलते की गई हैं। इन नियुक्तियों में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, उनके रिश्तेदारों और अन्य प्रभावशाली नेताओं के करीबी शामिल हैं, जिन्हें डिप्टी कलेक्टर और अन्य पदों पर नियुक्त किया गया है।

कोर्ट की टिप्पणी
याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान, हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि एक अधिकारी का बेटा शीर्ष पद पर नियुक्त हो सकता है, लेकिन इस तरह की नियुक्तियों का संयोग बहुत ही आपत्तिजनक और दुखद है। कोर्ट ने राज्य शासन के विधि अधिकारी से पूछा कि क्या ये सभी नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं, जिस पर विधि अधिकारी ने बताया कि अब तक केवल पांच चयनित उम्मीदवारों ने ही ज्वाइनिंग की है। कोर्ट ने राज्य शासन को आदेश दिया कि सभी नियुक्तियों की जांच की जाए और यदि कोई अनियमितता पाई जाती है, तो उन नियुक्तियों को रद्द कर दिया जाए।

हाईकोर्ट में चुनौती दी गई नियुक्तियां
ननकीराम कंवर ने जिन नियुक्तियों को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, उनमें शामिल हैं:

नितेश (डिप्टी कलेक्टर): पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी का बेटा।
साहिल (डीएसपी): पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी के बड़े भाई का बेटा।
निशा कोशले (डिप्टी कलेक्टर): पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह के पुत्र नितेश की पत्नी।
दीपा अजगले/आडिल (जिला आबकारी अधिकारी): पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी के भाई की बहू।
सुनीता जोशी (लेबर आफिसर): पीएससी के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी की बहन की बेटी।
सुमित ध्रुव (डिप्टी कलेक्टर): लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का बेटा।
नेहा खलखो (डिप्टी कलेक्टर): लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो की बेटी।
साक्षी ध्रुव (डिप्टी कलेक्टर): बस्तर नक्सल आपरेशन के डीआइजी ध्रुव की बेटी।
प्रज्ञा नायक (डिप्टी कलेक्टर): कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की बेटी।
प्रखर नायक (डिप्टी कलेक्टर): कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार का बेटा।
अन्यया अग्रवाल (डिप्टी कलेक्टर): वरिष्ठ कांग्रेस नेता की पुत्री।
शशांक गोयल (डिप्टी कलेक्टर): वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का दामाद।
भूमिका कटियार (डिप्टी कलेक्क्टर): वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की बेटी।
खुशबू बिजौरा (डिप्टी कलेक्टर): कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की बेटी।
स्वर्णिम शुक्ला (सहायक आयुक्त आदिवासी विकास): कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला का बेटा।
राजेंद्र कुमार कौशिक (डिप्टी कलेक्टर): वरिष्ठ कांग्रेस नेता का पुत्र।
मिनाक्षी गनवीर (डिप्टी कलेक्टर): गनवीर की पुत्री, जो कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी के साथ रहती हैं।

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Author: Deepak Mittal

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