फर्जी SMS भेजने वालों पर CBI का बड़ा प्रहार

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साइबर ठगी की ‘SMS फैक्ट्री’ का खुलासा, 21 हजार सिम कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी जब्त

नई दिल्ली: देशभर में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच CBI ने फर्जी SMS भेजने वाले एक संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में CBI ने NCR और चंडीगढ़ से संचालित हो रही एक ‘SMS फैक्ट्री’ का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों को डिजिटल अरेस्ट, लोन ऑफर, निवेश योजनाओं जैसे फर्जी संदेश भेजकर ठगी को अंजाम दे रहा था।

देशभर में फैलाया गया था ठगी का जाल

CBI जांच में सामने आया है कि यह संगठित साइबर गिरोह देश के अलग-अलग हिस्सों में लोगों को लालच भरे और डराने वाले SMS भेजता था। इन संदेशों के जरिए नागरिकों से उनकी बैंकिंग और निजी जानकारी हासिल की जाती थी। इतना ही नहीं, इस सिस्टम का इस्तेमाल कुछ विदेशी साइबर ठग भी भारतीय नागरिकों को निशाना बनाने के लिए कर रहे थे।

21 हजार सिम कार्ड, नियमों की उड़ाई धज्जियां

जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि गिरोह ने दूरसंचार विभाग (DoT) के नियमों का उल्लंघन कर करीब 21,000 SIM कार्ड हासिल किए थे। इन सिम कार्ड्स को एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए कंट्रोल किया जा रहा था, जिससे रोजाना लाखों फर्जी SMS देशभर में भेजे जाते थे।

छापेमारी में सर्वर से लेकर क्रिप्टोकरेंसी तक बरामद

CBI ने DoT के साथ मिलकर और संचार साथी पोर्टल से मिली जानकारी के आधार पर M/s Lord Mahavira Services India Pvt. Ltd. नाम की कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई।
छापों के दौरान:

  • पूरा चालू SMS सिस्टम

  • सर्वर, कम्युनिकेशन डिवाइस, USB हब, डोंगल

  • हजारों SIM कार्ड

  • डिजिटल सबूत

  • बड़ी मात्रा में नकदी और क्रिप्टोकरेंसी
    बरामद की गई।

तीन आरोपी गिरफ्तार

CBI ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है—

  1. सोनवीर सिंह

  2. मनीष उप्रेती

  3. हिमालया

टेलीकॉम कंपनियों की भूमिका भी जांच के घेरे में

शुरुआती जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि कुछ टेलीकॉम कंपनियों के चैनल पार्टनर और कर्मचारी अवैध रूप से सिम कार्ड उपलब्ध कराने में शामिल हो सकते हैं। CBI इस एंगल से भी जांच को आगे बढ़ा रही है।

CBI की इस कार्रवाई को साइबर ठगी के खिलाफ अब तक की बड़ी और निर्णायक कार्रवाई माना जा रहा है। एजेंसी का कहना है कि ऐसे नेटवर्क पर आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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Author: Deepak Mittal

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