रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले में सीबीआई ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को एजेंसी ने रिटायर्ड IAS और पूर्व सचिव जीवनलाल ध्रुव, उनकी पुत्र सुमित ध्रुव, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, निशा कोसले और दीपा आदिल को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
सूत्रों के अनुसार, CBI पहले भी आरती वासनिक को पूछताछ के लिए हिरासत में ले चुकी थी, लेकिन तब उन्हें छोड़ दिया गया था। ताजा कार्रवाई में पांचों आरोपियों को सीधे कोर्ट में पेश किया गया।
पहले भी हो चुकी हैं कई गिरफ्तारियां
इस घोटाले में अब तक कुल 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। 18 नवंबर को सीबीआई ने तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 10 जनवरी को नितेश सोनवानी (तत्कालीन अध्यक्ष का भतीजा, डिप्टी कलेक्टर चयनित) और ललित गणवीर (तत्कालीन डिप्टी परीक्षा नियंत्रक) सहित पांच और लोगों को हिरासत में लिया गया।
12 जनवरी को शशांक गोयल, भूमिका कटियार (दोनों डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित) और साहिल सोनवानी (डिप्टी एसपी पद चयनित) को गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपी वर्तमान में जेल में बंद हैं।
क्या है CGPSC घोटाला?
सीजीपीएससी घोटाला 2020 से 2022 के बीच आयोजित भर्ती परीक्षाओं और इंटरव्यू में भारी गड़बड़ियों से जुड़ा है। आरोप है कि प्रभावशाली नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के नजदीकी लोगों को डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य उच्च पदों पर चयनित किया गया, जबकि योग्य उम्मीदवारों को दरकिनार कर दिया गया।
- राज्य सरकार के आग्रह पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। जांच के दौरान छापेमारी में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए, जिसने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। फिलहाल यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है और सीबीआई की कार्रवाई लगातार जारी है।
Author: Deepak Mittal









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