Gem potel ???? ???? के नियमों की धज्जियां उड़ाकर बालोद जनपद सीईओ पीतांबर यादव ने सचिवों को अंधेरे में रखकर चेहेते एजेंसी DEEKSHANT TRADERS को लाभ पहुंचाने के लिए कराया ऑर्डर,,,
Gem ???? ???? पोर्टल में भागीदारी करने वाले कम दर वाले गीतांजलि एजेंसी के संचालक पहुंचे न्यायालय,,,
संपूर्ण बालोद जिले की आबोहवा को खराब करने लगे हैं पीतांबर यादव,, अपने आप को समझने लगे हैं सुपर CM ,,उच्च अधिकारी जिला कलेक्टर जिला पंचायत सीईओ के निर्देशों को दरकिनार कर अपने सुविधा अनुसार कार्य करने लगे हैं,, आखिर पीतांबर यादव व्यापारी क्यों बने ,????? उन्हें क्यों रुचि है महंगी खरीदी में,,,यह अब सब खुलासा होगा इस जांच के बाद ,,,,न्यायालय में पहुंचा मामला,,अधिकारी जवाब देने से बचने लगे पीतांबर यादव वर्जन देने से भागने लगे, परंतु मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे,, मनरेगा कर्मचारियों के बीच भी काफी आक्रोश,, आखिर ऐसी क्या वजह है पीतांबर यादव की कचरा गाड़ी ट्राई साइकिल की खरीदी को लेकर इतना रुचि क्यों ले रहे हैं कहीं उनकी स्वयं की फर्म तो नहीं,,,??????
चेहेते एजेंसी DEEKSHANT TRADERS को लाभ पहुंचाने की पीछे आखिर क्या है राज,,??? इस राज का होगा खुलासा न्यायालय में पहुंचा मामला,,
DEEKSHANT TRADERS के साथ आखिर क्या है रिश्ता इसका,,, होना चाहिए खुलासा, सरपंच सचिवों को पता नहीं और आदेश हो गया जारी56,999 मे खरीदी किया गया जबकि ₹5000 कम में गीतांजलि एजेंसी ने जैम पोर्टल में भागीदारी किया था,, परंतु षड्यंत्र पूर्वक कूटरचना रच कर पीतांबर यादव जनपद सीईओ ने अपनी दुकानदारी जारी रखा और कहने लगे मैं जो चाहूंगा वह करूंगा ,,मैं जो कर रहा हूं वह करूंगा,, उच्च अधिकारी कुछ भी कहें मैं अपने सुविधा अनुसार करूंगा ऐसा कहकर मनमानी करने लगे हैं सरपंच सचिवों पर दबाव बनाने लगे हैं संपूर्ण बालोद जिले में आक्रोश फैलने लगा है,,, जनप्रतिनिधियों अधिकारियों को वे कुछ भी नहीं समझ रहे हैं और अपने आप को सुपर सीएम से कम नहीं समझते,,,जबकि जनपद पंचायत बालोद की अध्यक्ष प्रेमलता साहू ने पीतांबर यादव की कार्य प्रणाली को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के उपमुख्यमंत्री और बालोद जिला प्रभारी विजय शर्मा को लिखित शिकायत किया था उसके बावजूद स्थानांतरण नहीं होने की वजह से पीतांबर यादव के हौसले बुलंद होने लगे और अब वह जिला कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ के निर्देशों का भी पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं वे ठीठ हटीलेपन और मनमानी तरीके से कार्य करने लगे हैं जिसके कारण जहां ग्राम पंचायत एजेंसी को नुकसान हो रहा है वही लाखों रुपए की छती राजस्व को हुई है जिसका खामियाजा अब पीतांबर यादव को ही भुगतना होगा क्योंकि यह मामला न्यायालय जा पहुंचा है,,
बालोद जनपद का मामला पहुंचा न्यायालय,,
जनप्रतिनिधियों सहित सरपंचों के बीच काफी आक्रोश,,
प्रत्येक पंचायत में लगाए गए हैं सूचना का अधिकार मांगी जा रही है संपूर्ण जानकारी क्या क्या प्रक्रिया अपनाई गई है,, 6 लोगों की भागीदारी करने के बावजूद ऊंचे दर वाले को कार्य क्यों,,????? जैम पोर्टल का उल्लंघन क्यों ,,????जैम पोर्टल के नाम पर धांधली क्यों,,????
10 अक्टूबर के एक ही समय में 30 से अधिक ग्राम पंचायत का ऑर्डर कैसे हो सकता है,, यह जांच का विषय,,,,
ग्राम पंचायत के आईडी पासवर्ड ओटीपी मांगने का अधिकार आखिर पीतांबर यादव को कैसे इसका भी होगा खुलासा,,, कराया जाएगा एफआईआर,,,??
क्या कहते हैं अधिकारी जनप्रतिनिधि,,
जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रावल से चर्चा करने का प्रयास किया गया परंतु उनका मोबाइल कवरेज एरिया से बाहर होने की वजह से चर्चा नहीं हो पाई,,,
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय कनौजै ने स्पष्ट रूप से कहा कि ग्राम पंचायत एजेंसी है और वह स्वतंत्र है किसी के दबाव में कार्य नहीं करना है शासन के नियमानुसार उच्च क्वालिटी और बेहतरीन सामान वे अपने शासन के नियमानुसार जैम पोर्टल के माध्यम से कहीं से भी ले सकते हैं स्वतंत्र है ग्राम पंचायत एजेंसी,,,,
बिलासपुर हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता नीलकमल गर्ग कहते हैं अगर कोई शासकीय अधिकारी शासन के नियमों को तोड़ मरोड़ कर अगर किसी विशेष फर्म को लाभ पहुंचाने का प्रयास करता है तो वह भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत आता है और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ में विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है,,,
अधिवक्ता बृजेश दीक्षित ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर जेम पोर्टल में अन्य और किसी ने भागीदारी किया है और जिसका दर कम है उसे आर्डर नहीं देकर किसी अन्य फॉर्म को जिसका दर ज्यादा है उसे आर्डर किया गया है तो ऐसी स्थिति में एजेंसी के ऊपर आवश्यक रूप से कार्रवाई होगी और इस साजिश में जितने लोग शामिल हैं वह भी भ्रष्टाचार की श्रेणी में के दायरे में आते हैं,,
भाजपा जिला अध्यक्ष पवन साहू ने कहा कि इस संबंध में उन्होंने जिला पंचायत सीईओ से चर्चा किया है और स्पष्ट रूप से कहा है कि शासन के नियमों के अनुरूप ही कार्य हो और गुणवत्तापूर्ण अच्छी क्वालिटी का सामान की ही खरीदी किया जाना होगा, गुणवत्ताहीन क्वालिटी बर्दाश्त नहीं होगी वैसे भी डीएमएफ में हुए भ्रष्टाचार की जांच जारी है,,,000
