निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111
मुंगेली- विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल ने नगर पंचायत सरगांव निवासी गौ सेवक ब्रजेश शर्मा को मुंगेली जिले के संगठन की कमान सौंपते हुए मुंगेली जिला संयोजक की महती जिम्मेदारी दी गयी है। राजनांदगांव मे हुवे प्रांत स्तरीय बैठक मे उनके नाम की घोषणा की गयी। ब्रजेश शर्मा अब केंद्र के निर्देशानुसार जनसंख्या असंतुलन,पारवारिक विखंडन और नशाखोरी रोकथाम के लिए हिंदू युवाओं का आह्वान कर जाग्रत करेंगे।
वर्तमान समय में हिन्दू समाज अनेक सामाजिक, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय चुनौतियों से जूझ रहा है। विशेष रूप से नशे की बढ़ती प्रवृत्ति,जनसंख्याँ दर, देरी से विवाह, परिवारों का हिन्दू संस्कारों से दूर होना और विखंडन जैसी गंभीर समस्याएँ उभर रही हैं।
यदि इन समस्याओं का समाधान नहीं निकाला गया तो ये हिन्दू समाज की स्थिरता और अस्तित्व के लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं। विश्व हिन्दू परिषद् का प्रन्यासी मंडल व प्रबंध समिति आह्वान करती है कि इन चुनौतियों का सामना करने व उनको परास्त करने के लिए हिन्दू युवाओं को तत्पर होना पड़ेगा। देश के सामने जब भी चुनौतियाँ आई हैं, युवा शक्ति ने ही उन्हें बार बार परास्त किया है।
जनसंख्या असंतुलन हिन्दू समाज के अस्तित्व के लिए घातक सिद्ध होता जा रहा है 1951 में भारत में हिन्दुओं की जनसंख्या 84% थी जो अब घटकर 78% रह गई है। हिन्दुओं की औसत प्रजनन दर 1.9 हो गई है जो जनसंख्या स्थिरता की दर 2.1 से भी कम है। देरी से विवाह और उज्ज्वल भविष्य की भ्रामक अवधारणा के कारण हिन्दू दंपत्तियों के बच्चे कम हो रहे हैं। बच्चों को जन्म देना या कम करने की प्रवृति केवल हिन्दू समाज के अस्तित्व के लिए ही ही नहीं, अपितु परिवार के सुखी एवं सुरक्षित भविष्य के लिए संकट बन चुकी है। मनोवैज्ञानिक, चिकित्सकों व समाज शास्त्रियों ने इस तथ्य को स्थापित किया है। यदि बच्चों का सम्पूर्ण विकास करना है तो प्रत्येक परिवार में दो या तीन बच्चे अवश्य होने चाहिए। इस परिस्थिति से बचने के लिए हिंदू युवाओं को उपयुक्त आयु में विवाह करना आज की आवश्यकता है।
सही आयु में विवाह ना होने के कारण जन्म-दर में गिरावट हो रही है और परिवार का भविष्य संकट में में पड़ रहा है। उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दिलाने के लिए अपने बच्चों को बड़े-बड़े प्रतिष्ठानों में प्रवेश दिलाने की प्रतिस्पर्धा लगी है। इनकी ऊंची फीस के कारण शिक्षा की लागत बढ़ती है और परिवारों को छोटा रखने को विवश करती है।
हिन्दू संस्कारों पर आधारित परिवार व्यवस्था ही सुखी जीवन को सुनिश्चित कर सकती है। आत्मकेंद्रित भौतिकवाद के कारण हम अपने संस्कारों की अनदेखी कर रहे हैं। अर्बन नक्सलपंथी एवं ग्लोबल कॉर्पोरेट समूह युवाओं को संस्कार विहीन करने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। परिवार विखंडित हो रहे हैं। बच्चों व बुजुर्गों के सामने सामाजिक सुरक्षा की समस्या उत्पन्न हो रही है।
विवाह संस्था, जो सुदृढ़ समाज का आधार है, वह संकट में पड़ रहा है। इस विषय पर सर्वोच्च न्यायलय द्वारा भी चिंता व्यक्त किया जा चुका है । परिवारों के प्रति भ्रांत धारणा के कारण ही विवाहेत्तर सम्बन्ध, लिव-इन सम्बन्ध व असीमित भोग के कई प्रकारों के प्रति आत्मघाती आकर्षण बढ़ रहा है।
युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति एक गम्भीर संकट के रूप में देश के सामने आ रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग 16 करोड़ लोग, जिनमें अधिकांश युवा हैं, किसी ना किसी नशे के शिकार हो चुके हैं। शिक्षण संस्थानों, सीमावर्ती क्षेत्रों सहित सम्पूर्ण देश में नशाखोरी हिन्दू युवाओं की शारीरिक, बौद्धिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक जड़ों को कमजोर कर रही है। इससे समाज में अपराध, बेरोजगारी और पारिवारिक विघटन की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। इस षड्यंत्र में विदेशी आतंकवादी, अन्तर्राष्ट्रीय ड्रग माफिया और भारत के कई माफिया समूह संगठित रूप से सम्मिलित हैं।
विश्व हिन्दू परिषद का प्रन्यासी मंडल एवं प्रबंध समिति इस परिस्थिति पर घोर चिंता व्यक्त करती है और युवा हिन्दू पीढ़ी को आह्वान करती है कि वे हिन्दू समाज को कमजोर करने के इन षड्यंत्री को परास्त करने के लिए कृत संकल्प हों। देश के चिंतकों, समाज शास्त्रियों, शिक्षा शास्त्रियों, सामाजिक धार्मिक संगठनो व पूज्य संतो से भी यह निवेदन करती है कि वे अपने – अपने प्रभाव क्षेत्रों में इन सभी विषयों पर जनजागृति अभियान प्रारम्भ करें।
भारत की केंद्र व राज्य सरकारें, हिन्दू समाज व राष्ट्र के समक्ष उपस्थित इस गंभीर विषय की गंभीरता को समझें। मनोरंजन व संचार माध्यमों पर उचित नियंत्रण स्थापित कर उन्हें हिंदू संस्कारों को अपमानित करने व अनियंत्रित उपभोग को प्रोत्साहित करने से रोकना चाहिए। शिक्षा संस्थानों को मनमानी फीस लेने से रोकने हेतु कठोर प्रावधान बनाने चाहिए। नशे के व्यापार में लिप्त इस अपवित्र गठ-जोड़ पर कठोर नियंत्रण करें, शिक्षा शास्त्रियों, कथावाचकों, पूज्य संतों व सामाजिक धार्मिक संगठनों का सहयोग लेकर उपरोक्त विषयों पर जनजागरण करें। हिन्दू संस्कारों व समाज विरोधी दुष्प्रचार को रोकने के लिए कठोर कदम उठाएं। ब्रजेश शर्मा की नियुक्ति इन सभी विषयो पर जिले में कार्य करने के लिए की गई है ताकि विहिप बजरंग दल अपने विचारों को साझा कर सके।
