कोरबा पाली में कोयला कारोबार को लेकर खूनी संघर्ष, एक की मौत, थाना प्रभारी लाइन अटैच

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जे के मिश्र
ब्यूरो चीफ,
नवभारत टाइम्स,24*7 in बिलासपुर

कोरबा। पाली थाना क्षेत्र में कोयला कारोबार को लेकर चल रही वर्चस्व की लड़ाई ने शुक्रवार रात हिंसक रूप ले लिया। इस झड़प में एक युवक की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए। मृतक की पहचान ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल के रूप में हुई है। इस घटना के बाद पाली नगर में भारी तनाव व्याप्त है और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। वहीं लापरवाही बरतने पर पाली थाना प्रभारी को लाइन अटैच कर दिया गया है।

पुराना विवाद, तनाव का कारण
घटना एसईसीएल की सरायपाली बुड़बुड़ कोयला खदान से जुड़ी है, जहां लंबे समय से दो समूहों के बीच कोयला लोडिंग को लेकर वर्चस्व की जंग चल रही थी। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को एमटीसी कंपनी ग्रुप और प्रतिद्वंद्वी गुट के बीच गेट पर विवाद इतना बढ़ गया कि हथियारों से लैस होकर दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। इसमें चाकू, तलवार और बंदूक के इस्तेमाल की बात सामने आई है।

गोली लगने से युवक की मौत
घटना में रोहित जायसवाल को गंभीर चोटें आईं। बताया जा रहा है कि उसे चाकू से वार और गोली मारी गई, जो संभवतः पेट में लगी। उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पांच अन्य लोग भी इस संघर्ष में घायल हुए हैं, जिनमें से दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

थानेदार निलंबन, पुलिस सक्रिय
घटना के समय पाली थानेदार विनोद सिंह ड्यूटी से अनुपस्थित थे। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने उन्हें तत्काल लाइन अटैच कर दिया और दर्री थाना प्रभारी राजेश तिवारी को पाली थाना का नया प्रभारी बनाया गया है। दर्री थाने का अतिरिक्त प्रभार अब ललित चंद्रा को सौंपा गया है।

नगर में बंद और आक्रोश
इस हत्याकांड से स्थानीय जनता में गहरा रोष है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस को विवाद की जानकारी पहले से थी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस घटना के विरोध में व्यापारियों और आम नागरिकों ने शनिवार को पाली नगर बंद का ऐलान किया है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इलाके में चप्पे-चप्पे पर बल तैनात कर दिया है।

कार्रवाई की मांग, गिरफ्तारी जारी
मृतक के परिजन आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने 16 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और उन्हें पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई है। साइबर टीम भी आरोपियों को ट्रैक करने में लगी है। जानकारी के मुताबिक, 8 से 9 आरोपियों ने थाना पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया है। उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

निष्कर्ष
पाली की यह घटना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करती है। पहले से जानकारी होने के बावजूद समय पर कार्रवाई न करना एक युवक की जान जाने का कारण बना। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस पूरे घटनाक्रम में शामिल सभी आरोपियों को कितनी जल्दी पकड़ती है और आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।

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