(जे के मिश्रा ) बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक सरकारी स्कूल में छात्राओं द्वारा बीयर की बोतल लाने और क्लासरूम में पार्टी करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने इस घटना पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिरकार क्लासरूम तक बीयर की बोतल पहुंच कैसे गई? अगर कल कोई छात्र बारूद या हथियार लेकर स्कूल आ गया तो क्या होगा?
कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
कोर्ट ने शासन के जवाब पर असंतोष जताते हुए पूछा कि छात्रों के बैग की जांच क्यों नहीं की गई। शासन की ओर से जवाब दिया गया कि छात्राएं अपने बैग में बोतलें छिपाकर लाई थीं। कोर्ट ने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग को फटकार लगाई और सुरक्षा में चूक पर सवाल उठाए।
मामला क्या है?
29 जुलाई को मस्तूरी के भटचौरा हायर सेकेंडरी स्कूल में छात्राओं के बीयर लेकर आने का मामला सामने आया था। छात्राओं ने बर्थडे पार्टी के नाम पर स्कूल में केक, स्नैक्स और कोल्ड-ड्रिंक्स के साथ बीयर भी लाई थी। बताया जा रहा है कि एक छात्रा का उस दिन जन्मदिन था और उसी के उपलक्ष्य में पार्टी का आयोजन किया गया था। इस दौरान छात्राओं ने क्लासरूम में ही बीयर की बोतलें लहराईं और पार्टी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
वीडियो वायरल, स्कूल में हड़कंप
वीडियो वायरल होते ही पूरे स्कूल और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। वीडियो में बीयर की बोतलें, समोसे, स्नैक्स और कोल्ड-ड्रिंक्स साफ नजर आ रहे थे। जब छात्राओं से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल बीयर की बोतल लहराई थी, उसे पिया नहीं था। बावजूद इसके, इस घटना ने स्कूल प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रिंसिपल पर गिरी गाज, जांच के बाद कार्रवाई के आदेश
इस मामले में शिक्षा विभाग की ओर से एक जांच समिति बनाई गई थी, जिसने स्कूल का दौरा कर मामले की जांच की। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि स्कूल प्रशासन ने तथ्य छिपाने की कोशिश की और घटना की गंभीरता को कम करके दिखाने का प्रयास किया। रिपोर्ट के आधार पर स्कूल के प्रधानाचार्य लक्ष्मीनारायण के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
कोर्ट ने दिए सख्त निर्देश
हाई कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में सुरक्षा और निगरानी के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। साथ ही छात्रों के बैग की समय-समय पर जांच की जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके। कोर्ट ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा प्राथमिकता होनी चाहिए और इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Author: Deepak Mittal
