Bihar Election 2025: पीएम मोदी बोले- ‘मैं और नीतीश आपके भाई हैं’, भाषण की 5 बातें सुनकर विपक्ष भी हैरान!

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Bihar Election 2025: बिहार चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक मंच पर ऑनलाइन नजर आए। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) की शुरुआत की और 75 लाख से ज्यादा महिलाओं के खाते में सीधे 10-10 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की।

कार्यक्रम के दौरान दोनों नेताओं ने न सिर्फ महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया, बल्कि पुराने दौर की तुलना करते हुए बिहार की बदली तस्वीर का भी जिक्र किया। लालू यादव और राजद पर भी सीधा हमला बोला गया। आइए जानते हैं, पीएम मोदी और नीतीश कुमार के भाषण की 5 बड़ी बातें।

1. महिलाओं के खाते में सीधा पैसा, कोई कटौती नहीं

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ”आज से ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार’ योजना शुरू की जा रही है। इस योजना से अब तक 75 लाख बहनें जुड़ चुकी हैं। अभी एक साथ इन सभी 75 लाख बहनों के बैंक अकाउंट में 10-10 हजार रुपये भेजे गए हैं। जब यह प्रक्रिया चल रही थी, तब मैं सोच रहा था कि आज नीतीश जी की सरकार ने बिहार की बहनों-बेटियों के लिए कितना बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जब कोई बहन या बेटी रोजगार या स्वरोजगार करती है, तो उसके सपनों को नए पंख लग जाते हैं, और समाज में उसका सम्मान और भी बढ़ जाता है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर 30 करोड़ से ज्यादा माताओं-बहनों के बैंक खाते न खुले होते, तो आज यह योजना संभव नहीं होती। उन्होंने साफ कहा-“आज जो 10-10 हजार रुपये भेजे गए हैं, वो सीधे आपके खाते में जमा होंगे। पहले योजना का पैसा लूट लिया जाता था, अब कोई एक रुपया भी मार नहीं सकता।”

पीएम ने यह भी जोड़ा कि पहले एक प्रधानमंत्री कहते थे, दिल्ली से 1 रुपया भेजते हैं तो जनता तक सिर्फ 15 पैसा पहुंचता है, लेकिन अब तकनीक और पारदर्शिता से पूरा पैसा सीधे लोगों तक जा रहा है।

2. बहनों के लिए ‘दो भाई’- मोदी और नीतीश

अपने भाषण में पीएम मोदी ने महिलाओं से सीधा रिश्ता जोड़ते हुए कहा-“एक भाई तब ही खुश होता है, जब उसकी बहन स्वस्थ और खुशहाल हो। आज आपके दो भाई, नरेंद्र और नीतीश, मिलकर बहनों के लिए लगातार काम कर रहे हैं।”

उन्होंने जीविका दीदियों की तारीफ करते हुए कहा कि उनके काम से गांव और समाज दोनों बदल रहे हैं। पीएम ने भरोसा जताया कि बिहार की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा ‘लखपति दीदी’ बनेंगी।

3. ‘लालटेन राज’ बनाम ‘कानून का राज’

पीएम मोदी ने अपने भाषण में सीधे राजद और लालू यादव के शासनकाल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा-“राजद के राज में अराजकता और नक्सली आतंक ने बिहार को डर और खौफ में जीने को मजबूर कर दिया था। सबसे ज्यादा दर्द माताओं-बहनों ने झेला। न सड़क थी, न पुल-पुलिया। बाढ़ के समय गर्भवती महिलाएं समय पर अस्पताल तक नहीं पहुंच पाती थीं।”

मोदी ने दावा किया कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में अब बिहार में कानून का राज लौटा है। बेटियां अब बेखौफ होकर घर से निकलती हैं और पुलिस-फोर्स में बड़ी संख्या में भर्ती हो रही हैं।

4. नीतीश का पलटवार: ‘7 साल बाद पत्नी को सीएम बना दिया’

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण में लालू यादव पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा-“बिहार में पहले की सरकारों ने कोई काम नहीं किया। 24 नवंबर 2005 से NDA की सरकार बनी और हमने विकास की गाड़ी पटरी पर चढ़ाई। पहले जो सत्ता में थे, वो सिर्फ परिवार को देखते थे। 7 साल बाद खुद हटे तो पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया। जनता के लिए क्या किया?”

नीतीश ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने शुरुआत से ही महिलाओं की सुरक्षा और भागीदारी को प्राथमिकता दी है।

5. उज्ज्वला योजना और बदली महिलाओं की जिंदगी

पीएम मोदी ने महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने वाली उज्ज्वला योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा-“पहले महिलाओं का जीवन जलावन ढोने और चूल्हे के धुएं में बीत जाता था। चूल्हे का धुआं 400 सिगरेट के बराबर होता था। इससे कैंसर और फेफड़ों की बीमारियां आम थीं। लेकिन उज्ज्वला योजना ने न सिर्फ रसोई, बल्कि महिलाओं की जिंदगी को भी उज्जवल बना दिया।”

पीएम ने कहा कि जब कोई सरकार महिलाओं को केंद्र में रखकर नीतियां बनाती है, तो उसका असर पूरे समाज पर पड़ता है। यही वजह है कि आज उज्ज्वला योजना की सफलता पूरी दुनिया देख रही है।

बिहार में पीएम मोदी और नीतीश कुमार के संयुक्त संदेश ने साफ कर दिया है कि आने वाले चुनाव में महिला सशक्तिकरण बड़ा एजेंडा होगा। जहां मोदी सरकार महिलाओं को योजनाओं से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत करने की बात कर रही है, वहीं नीतीश कुमार लालू परिवार पर हमला बोलकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में लगे हैं। कुल मिलाकर, यह कार्यक्रम सिर्फ योजना की शुरुआत नहीं बल्कि चुनावी बिगुल भी माना जा रहा है, जिसमें सबसे बड़ा दांव महिलाओं पर ही खेला गया है।

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Author: Deepak Mittal

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