सक्ती (छत्तीसगढ़): सक्ती रियासत के स्वयंभू राजा और भाजपा नेता धर्मेंद्र सिंह को फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने दुष्कर्म के गंभीर मामले में दोषी करार देते हुए 12 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। धर्मेंद्र सिंह वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य भी हैं और उन पर 2022 में राजपरिवार की ही एक महिला के साथ जबरन घर में घुसकर अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न करने का आरोप था।
कोर्ट का फैसला
फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने तीन साल तक चली सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया।
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धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत 7 वर्ष सश्रम कारावास
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धारा 450 (जबरन घर में घुसपैठ) के तहत 5 वर्ष सश्रम कारावास
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₹15,000 जुर्माना भी लगाया गया
कोर्ट ने आदेश दिया है कि दोनों सजाएं समानांतर रूप से चलेंगी।
2022 में की थी घटना, फिर हो गया था फरार
धर्मेंद्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता के घर में घुसकर जबरदस्ती की थी। घटना के बाद वह फरार हो गया था। पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ और केस को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाया गया।
राजनीतिक और पारिवारिक विवादों में रहा है नाम
धर्मेंद्र सिंह, दिवंगत राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह द्वारा गोद लिए गए थे। वे राजपरिवार के पूर्व बावर्ची के पुत्र बताए जाते हैं।
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राज्याभिषेक: 19 अक्टूबर 2021 को सक्ती रियासत के 5वें राजा के रूप में हुआ था
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विवाद: धर्मेंद्र को उत्तराधिकारी बनाए जाने पर रानी गीता सिंह ने उन्हें पुत्र मानने से इनकार कर दिया था, जिससे पारिवारिक विवाद गहराता गया।
भाजपा में हलचल, पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार
धर्मेंद्र सिंह की राजनीतिक पहचान भाजपा नेता के रूप में भी रही है, और वह सक्ती क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय थे। कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मची हुई है। फिलहाल भाजपा की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
