छत्तीसगढ़: बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के संरक्षण में गांजा तस्करी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गांजा तस्करी के मामले में गिरफ्तार GRP के चार कांस्टेबलों की मुश्किलें बढ़ने वाली है। सभी पर बर्खास्तगी की गाज गिर गयी है।
चार पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के बाद एक संगठित तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। मामले की जांच में वेस्ट बंगाल से मुख्य तस्कर श्यामधर चौधरी उर्फ छोटू को गिरफ्तार किया गया है।
घटना का खुलासा
ट्रेनों में गांजा तस्करी रोकने के लिए जीआरपी में गठित एंटी क्राइम टीम के चार आरक्षक – लक्ष्मण गाइन, संतोष राठौर, सौरभ नागवंशी और मन्नू प्रजापति पर गांजा तस्करों से जुड़े होने का शक था। खुफिया विभाग की गोपनीय जांच में उनकी संलिप्तता सामने आई। डीजीपी अशोक जुनेजा के निर्देश पर मामले की जांच एसपी रजनेश सिंह को सौंपी गई।
गिरफ्तारी और पूछताछ
चारों आरक्षकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। जांच में एनडीपीएस एक्ट के तहत उनकी तस्करी में भागीदारी की पुष्टि होने पर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने वेस्ट बंगाल में दबिश देकर मुख्य आरोपी श्यामधर चौधरी को गिरफ्तार किया।
मालिकाना संपत्ति और बैंक खातों का खुलासा
आरक्षक लक्ष्मण गाइन के पास करोड़ों की संपत्ति पाई गई, जिसमें हार्ले डेविडसन बाइक, चार लग्जरी कारें और करोड़ों की कीमत के मकान और प्लॉट शामिल हैं। खुफिया विभाग ने चारों आरोपियों के 45 बैंक खातों का पता लगाया, जिनमें 15 करोड़ रुपये की संदिग्ध लेन-देन का खुलासा हुआ है। ये खाते रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर खुलवाए गए थे।
गांजा तस्करी का नेटवर्क
ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए उत्तर प्रदेश तक गांजा तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही थी। कभी सब्जियों में छुपाकर तो कभी तेल टैंकर में तस्करी की जा रही थी। इस नेटवर्क में पुलिस कर्मियों के शामिल होने के सबूत पहले भी मिल चुके हैं।
आगे की कार्रवाई
एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि चारों आरक्षकों को जेल भेजने के बाद जांच में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया। मामले की विस्तृत रिपोर्ट डीजीपी को सौंपने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
छत्तीसगढ़ पुलिस में ऐसे गंभीर मामलों ने एक बार फिर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों ने विश्वास दिलाया है कि इस नेटवर्क में शामिल हर व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Author: Deepak Mittal
