यह रिपोर्ट बिलासपुर रेंज साइबर थाना द्वारा की गई एक महत्वपूर्ण कार्रवाई के बारे में है, जिसमें ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में शामिल अंतर्राज्यीय गिरोह के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया गया। घटना के विवरण में निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु हैं:
- अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश: साइबर अपराधियों ने सोशल मीडिया के जरिए स्टॉक मार्केट में निवेश कर अधिक लाभ कमाने का झांसा देकर लोगों को ठगा। इस मामले में एक व्यक्ति ने 42 लाख रुपये की ठगी की थी।
- फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल: आरोपी फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का उपयोग करते थे। इसके अलावा, वे ‘इंडिया मार्ट’ प्लेटफार्म का उपयोग करते थे और “प्रीमियम बल्क डेटा” नामक वेबसाइट से डेटा प्राप्त कर ठगी करते थे।
- मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी: मुख्य आरोपी चिरागजी ठाकोर को गुजरात के महेसाणा जिले से गिरफ्तार किया गया। उसने स्वीकार किया कि वह अन्य ठगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करता था और लोगों को स्टॉक ट्रेडिंग के झांसे में फंसाता था।
- आरोपियों द्वारा ठगी के तरीके: ठगी करने के लिए आरोपी लोगों के फोन नंबरों को तीन श्रेणियों में खरीदते थे और फिर इन नंबरों से कॉल कर लोगों को मुनाफे का झांसा देते थे। इसके बाद वे फर्जी बैंक खातों और सिम कार्ड के जरिए ठगी की रकम को निकालते थे।
- साइबर अपराधों से बचने के उपाय: पुलिस ने जनता को साइबर ठगी से बचने के लिए कई सुझाव दिए हैं, जैसे कि अनजान कॉल्स से बचना, सोशल मीडिया पर निजी जानकारी न देना, और ऑनलाइन ठगी के मामलों में तुरंत रिपोर्ट दर्ज कराना।
यह कार्रवाई बिलासपुर रेंज साइबर थाना और अन्य अधिकारियों के समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसमें थाना रेंज साइबर बिलासपुर की टीम ने अहम भूमिका निभाई।