सृजन सोनकर के विद्यार्थियों को कराया गैलेक्सी एंड्रोमेडा का अवलोकन

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आरंग। स्थानीय सृजन सोनकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आरंग में आकाश दर्शन का आयोजन किया गया।
जहाँ प्राचीन काल से ही मानव आसमान को कुछ विस्मय, कुछ भय और कुछ कौतूहल वश निहारता रहा है। आसमान में स्थित सूर्य, चन्द्रमा ग्रहों और अनगिनत तारों को देख कर उनकी गति को समझने का प्रयास करता चला आ रहा है ।

लेकिन प्राचीन कालीन मानव के लिए आसमान में सूर्य, चन्द्रमा, ग्रहों और नक्षत्रों की गति और उनके परिणामो को समझना मुश्किल था और वे मान बैठे कि ये सब दैवीय शक्तियों के मर्जी से होता है स्वाभाविक ही था जब मानव प्रकृति के गूढ़ रहस्यों को नहीं समझ पाता तो उसे विधि का विधान मानकर अपनी जिज्ञासा को तृप्त कर लेता है।

इसी तरह प्राचीन मानव विस्मय और भय से अभिभूत होकर सूर्य ग्रहण और चन्द्र ग्रहण को देवताओं का गुस्सा होना तथा ग्रहों और नक्षत्रों को देवता समझ बैठे और इतना ही नहीं उन्हें अपने भाग्य का विधाता समझने लगे। उनके प्रसन्न होने को शुभकारक और कुपित होने को अशुभकारक मानने लगा।


ब्रम्हांड के इन रहस्यों को जानने के लिए खगोल विज्ञान और खगोलभैतिकी के अध्ययन को महत्वपूर्ण बनाता है। जिसमे आसमान में दिखने वाले अनगिनत टिमटिमाते तारे, ग्रहों, नक्षत्रों और विज्ञान के नए प्रौद्योगिकी के साथ सुदूर अंतरिक्ष पिंडो का अध्ययन किया जाता है।


ऐसे ही आकाशीय पिंडो को प्रत्यक्ष रूप से देखने और आकाशीय घटनाओं को समझने के लिए 04 जनवरी 2025 की शाम 4 बजे से सृजन सोनकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आरंग में खगोल विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया क्या गया, जिसमें बालोद से आए हुए खगोल विज्ञान के विशेषज्ञ बी एन योगी द्वारा 2500 मिलीमीटर व्यास वाले परावर्तक टेलिस्कोप से चमकीले ग्रह शुक्र, वलय वाला ग्रह शनि, चंद्रमा के क्रेटर्स, सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति और उसके चार बड़े चंद्रमा साथ ही लाल ग्रह मंगल का प्रत्यक्ष अवलोकन कराया गया तथा आसमान में दिखने वाले अनगिनत चमकीले तारों से बनने वाले राशियों के तारामंडल, तारों के निर्माण की नर्सरी ओरियन निहारिका और हमारे आकाशगंगा के बाद सुदूर अंतरिक्ष में स्थित निकटस्थ गैलेक्सी एंड्रोमेडा का अवलोकन कराया गया।


प्रत्यक्ष अवलोकन के पूर्व विद्यालय में आयोजित कार्यशाला में सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण के वैज्ञानिक कारण, दिन और रात का होना, ऋतु परिवर्तन, चंद्रमा के आकार में दैनिक परिवर्तन, विभिन्न समय में दिखने वाले तारामंडल, सूरज में जटिल चुंबकीय क्षेत्रों के कारण बनने वाले सौर धब्बे, धूमकेतु का दिखना आदि को कंप्यूटर सिमुलेशन द्वारा प्रदर्शित किया गया।
टेलीस्कोप से ग्रहों के नजारे देखना सबके लिए विस्मयकारी और रोमांचक रहा और वे उस नजारे को बार बार देखना चाह रहे थे। इस अवसर पर इस अवसर पर 11वी व12वी के समस्त विद्यार्थी विद्यालय प्रबंधन समिति के संरक्षक लखन लाल सोनकर, अध्यक्ष छत्रधारी सोनकर, उपाध्यक्ष सियाराम सोनकर, कोषाध्यक्ष देवेंद्र सोनकर, सचिव सूरज सोनकर, सहसचिव सतीश सोनकर विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती यशोदा योगी,उपप्राचार्य श्रीमती भारती वर्मा,सांस्कृतिक प्रभारी चेतन सिंह चौहान गुपेश साहू, रवि कुमार सोनकर, आशा सोनकर, प्रेम सोनकर, जितेंद्र यादव, हँसराज जलक्षत्री की उपस्थित रही।

संकलनकर्ता रोशन चंद्राकर पत्रकार आरंग

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