सोमवार 1 दिसंबर को ‘बालोद चलो’ का बिगुल – प्रशासन पर मनमानी का आरोप
बालोद : जिले के फुटकर एवं थोक व्यापारियों में प्रशासनिक रवैये को लेकर भारी असंतोष फूट पड़ा है। बुधवार को साईं मंदिर प्रांगण में हुई बड़ी बैठक में लोहारा विधानसभा के 250 से अधिक व्यापारी जुटे, जहां माहौल गुस्से और नाराजगी से भरा रहा।
बैठक में व्यापारियों ने सामूहिक रूप से ऐलान किया कि
अब अनिश्चितकालीन धान खरीदी बंद!
किसान यदि एक–दो कट्टा धान भी लेकर आएगा, तो फुटकर व्यापारी उसे नहीं खरीदेंगे।
व्यापारियों का कहना है कि फूड एवं मंडी विभाग के अधिकारियों द्वारा उन्हें तस्कर, अवैध कारोबारी और चोर जैसी भाषा में संबोधित किया जा रहा है,बिना वजह अत्यधिक सख्ती और दबाव बनाकर रोज़मर्रा की आजीविका पर चोट पहुँचाई जा रही है।

तीन महीने काम मत करो” जैसे बयान देकर प्रशासन बेरोज़गारी की स्थिति पैदा कर रहा है।व्यापारियों ने आरोप लगाया कि एयर-कंडीशनर कमरों में बैठकर आदेश देने वाले अधिकारी जमीनी हकीकत नहीं समझते, जबकि किसान और फुटकर व्यापारियों की रोज़मर्रा की अर्थव्यवस्था छोटी दैनिक धान खरीदी पर टिकी होती है, जिससे किसान अपना घर–खर्च, सब्ज़ी–किराना खरीद पाते हैं।
“प्रशासन की भाषा अमर्यादित, रवैया मनमाना” – व्यापारियों में उबाल व्यापारियों ने कहा कि प्रशासन के कुछ अधिकारी अपमानजनक भाषा का उपयोग कर क्षेत्रीय व्यापार को अपराध की तरह प्रस्तुत कर रहे हैं। इससे व्यापारिक समुदाय में गहरा रोष है।
01 दिसंबर सोमवार ‘बालोद चलो’
गांग माता प्रांगण में जिलेभर के व्यापारी जुटेंगे** व्यापारी संगठनों ने अगली बड़ी रणनीति घोषित कर दी है।सोमवार, 1 दिसंबर, सुबह 10 बजे, सभी फुटकर एवं थोक व्यापारी बालोद जिला मुख्यालय, गंगा मैया मंदिर माँ प्रांगण में एक बड़ी बैठक करेंगे।

यहाँ आगे की कार्ययोजना और आंदोलन की दिशा तय होगी।व्यापारियों ने कहा कि अब “चुप्पी नहीं, जवाब देंगे” और जिले भर के व्यापारी एक साथ खड़े रहेंगे।
धान खरीदी केंद्रों में तनावपूर्ण माहौल
जिले में धान खरीदी जारी है, लेकिन व्यापारियों के अनुसार प्रशासन द्वारा लगातार टारगेट करना,तीखी भाषा,अनावश्यक दबाव, और व्यापार को संदिग्ध बताने वाला रवैया पूरी व्यवस्था को बिगाड़ रहा है।
व्यापारियों का साफ संदेश
सम्मान दो, तभी व्यवस्था चलेगी, व्यापारी संगठनों का कहना है कि यदि प्रशासन ने संवाद और सम्मानजनक व्यवहार नहीं अपनाया, तो जिले में व्यापारिक गतिविधियाँ और अधिक प्रभावित हो सकती हैं।
क्या कहते हैं खाद्य अधिकारी,,
इस संबंध में खाद्य अधिकारी तुलसी ठाकुर कहते हैं कि शासन के नियमों के अनुरूप ही कार्रवाई की जा रही है किसी को ठेस नहीं पहुंचा जा रहा है सभी आरोप निराधार है,,!
Author: Deepak Mittal









