रायपुर। छत्तीसगढ़ में माओवादी हिंसा के खिलाफ निर्णायक रणनीति को आगे बढ़ाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार, 22 जून से दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंच रहे हैं। इस दौरे के दौरान शाह माओवाद विरोधी अभियानों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे और नक्सल प्रभाव को 31 मार्च, 2026 तक समाप्त करने के लक्ष्य की दिशा में केंद्र की रणनीति को मजबूत करेंगे।
गृह मंत्री का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब हाल के महीनों में नक्सल विरोधी अभियानों में सुरक्षा बलों को महत्वपूर्ण सफलताएं मिली हैं। माओवादी केंद्रीय समिति के 45 में से 32 सदस्य विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। अब केंद्र सरकार की निगाह शेष शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचने और संगठन की कमर पूरी तरह तोड़ने पर है।
फॉरेंसिक क्षमताओं को मिलेगा नया बल
अमित शाह अपनी यात्रा के दौरान नया रायपुर में बनने जा रहे राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSC) के छत्तीसगढ़ परिसर की आधारशिला भी रखेंगे। यह विश्वस्तरीय संस्थान 40 एकड़ भूमि पर, 350-400 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किया जा रहा है।
इसके साथ ही राज्य संचालित फॉरेंसिक प्रयोगशाला के लिए 6 एकड़ भूमि अलग से चिन्हित की गई है, जो राज्य की जांच क्षमताओं को और अधिक आधुनिक और प्रभावशाली बनाएगी।
राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने जानकारी दी कि केंद्रीय गृह मंत्री दोनों महत्वपूर्ण संस्थानों के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
जवानों से सीधा संवाद
गृह मंत्री अमित शाह एक सुरक्षा शिविर में जाकर वहां जोखिम भरे क्षेत्रों में तैनात जवानों से भी मुलाकात करेंगे। वे उनके अनुभव सुनेंगे और मनोबल बढ़ाने के लिए संवाद करेंगे। इस पहल का उद्देश्य सुरक्षा बलों को भावनात्मक और प्रशासनिक सहयोग देना है, जो माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में कार्यरत हैं।
निष्कर्ष
शाह का यह दौरा न केवल सुरक्षा एजेंसियों की रणनीति को स्पष्ट दिशा देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ में स्थायी शांति और सुरक्षा ढांचे को मजबूती देने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह यात्रा ‘नक्सल मुक्त भारत’ के लक्ष्य की दिशा में एक और निर्णायक कदम मानी जा रही है।
