US के बाद UK ने भी दिया झटका, ‘अंतरराष्ट्रीय दमनकारी’ 12 देशों की लिस्ट में जोड़ा भारत का भी नाम

Picture of Deepak Mittal

Deepak Mittal

मेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और जुर्माना लगाने के बाद ब्रिटेन ने भी एक झटका दिया है। ब्रिटिश संसदीय समिति ने बुधवार को चेतावनी दी कि विदेशी सरकारें ब्रिटेन में व्यक्तियों और समुदायों को ‘चुप कराने एवं धमकाने के प्रयासों में तेजी से आगे बढ़ रही हैं।’

ब्रिटेन की संयुक्त मानवाधिकार समिति (JCHR) ने ‘ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय दमन’ (टीएनआर) रिपोर्ट में भारत का भी नाम उन 12 देशों की लिस्ट में शामिल किया है जिनके खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दमन के सबूत मिले हैं। फिलहाल, भारत की ओर से इस रिपोर्ट पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

JCHR में ब्रिटिश संसद के विभिन्न दलों के सदस्य शामिल हैं तथा इसका कार्य ब्रिटेन में मानवाधिकारों से संबंधित मामलों की जांच करना है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि समिति को ‘विश्वसनीय साक्ष्य’ प्राप्त हुए हैं कि कई देश ब्रिटेन की धरती पर इस तरह के दमनकारी कार्यों में संलिप्त हैं, जिसका लक्षित लोगों पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, उनमें डर पैदा किया गया है, उनकी अभिव्यक्ति और आवागमन की स्वतंत्रता को सीमित किया गया है तथा उनकी सुरक्षा की भावना को कमजोर किया गया है।

लिस्ट में 12 देश कौन-कौन?

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देश की सुरक्षा एजेंसी ‘एमआई5’ द्वारा की जा रही ऐसे मामलों की जांच में 2022 से 48 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है, ”हमारी जांच में ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है कि कई देशों ने ब्रिटेन की धरती पर टीएनआर गतिविधियां संचालित की थीं। कई सबूतों में बहरीन, चीन, मिस्र, इरिट्रिया, भारत, ईरान, पाकिस्तान, रूस, रवांडा, सऊदी अरब, तुर्किये और संयुक्त अरब अमीरात पर ब्रिटेन में टीएनआर गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है।”

खालिस्तानी संगठन SFJ का जिक्र

JCHR की रिपोर्ट में भारत का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत के खिलाफ साक्ष्य सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) से जुड़े हैं, जो एक खालिस्तानी समर्थक संगठन है और जिसे भारत के UAPA अधिनियम के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि उसे उन अलग-अलग सदस्य देशों के आचरण के बारे में भी साक्ष्य मिले हैं, जिन पर इंटरपोल तंत्र के “व्यवस्थित दुरुपयोग” में शामिल होने के आरोप हैं।

Deepak Mittal
Author: Deepak Mittal

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *