प्रशासन की कार्यवाही बेअसर, मदकू के शिवनाथ नदी से रातभर हुई रेत की चोरी..

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शासन-प्रसाशन हमारी जेब मे-रेत माफिया

निर्मल अग्रवाल ब्यूरो प्रमुख मुंगेली 8959931111

सरगांव- सरगांव तहसील के ग्राम पंचायत मदकू, सल्फा और बासीन में अवैध रेत उत्खनन को रोकने जिला प्रशासन द्वारा 26 मई को की गई कार्यवाही ग्राम मदकू में पूरी तरह से नाकाम साबित होती नजर आ रही है। कार्यवाही के कुछ ही घंटों बाद मदकू घाट स्थित शिवनाथ नदी में रेत माफिया पुनः सक्रिय हो गए और रातभर अवैध रेत उत्खनन करते रहे।

स्थानीय ग्रामीणों और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 26 मई की रात करीब 8 बजे से ही मदकू घाट पर 15 से अधिक ट्रैक्टरों में मजदूरों द्वारा रेत की खुदाई और लोडिंग का काम शुरू हो गया था, जो देर रात तक निर्बाध रूप से चलता रहा। ग्राम मदकू के रेत माफियाओं को प्रशासनिक कार्यवाही की कोई चिंता नहीं है, जिससे स्पष्ट है कि उनका तंत्र काफी मजबूत और पूर्वसूचित रहता है। रेत माफियाओं को पहले से ही कार्यवाही की भनक लग जाती है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिला खनिज अधिकारी की अगुवाई में 26 मई को विभिन्न रेत घाटों पर छापेमारी की गई थी।

ग्राम बासीन और सल्फा में कुछ वाहनों को जब्त भी किया गया, लेकिन मदकू घाट पर प्रशासन के पहुंचने से पहले ही रेत माफियाओं को इसकी सूचना मिल गई थी। वे सतर्कता बरतते हुए अपने ट्रैक्टर और अन्य संसाधनों को घाट से हटा चुके थे, जिससे प्रशासन को वहां कोई ठोस सफलता नहीं मिल सकी।

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की निष्क्रियता पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन की कार्यवाही की सूचना इसी तरह लीक होती रही और दोषियों के विरुद्ध कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो यह अवैध व्यापार और अधिक फैल सकता है।

सरकारी जमीन पर अवैध भंडारण, पर कार्रवाई नदारद

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि पूरे क्षेत्र में शासकीय भूमि पर बड़े पैमाने पर रेत का अवैध भंडारण किया गया है। 26 मई को रेत घाट में कार्यवाही के दौरान शासकीय भूमि पर भंडारण की गई अवैध रेत को नजरंदाज करते हुए प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही नही किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि यह भंडारण पिछले कई महीनों से चल रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है। इससे माफियाओं के हौसले दिन-ब-दिन बुलंद होते जा रहे हैं।

जिला खनिज अधिकारी की भूमिका संदिग्ध

जिला खनिज अधिकारी ज्योति मिश्रा की इस विषय मे भूमिका संदिग्ध है। कई वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी की सांठगांठ का परिणाम रेत माफियाओं की छाती चौड़ी करती नज़र आ रही। सूत्रों के हवाले से खबर निकल के सामने आई है कि पूर्व में की गई एकतरफा कार्यवाही में खनिज अधिकारी द्वारा बड़ी लेनदेन की गई है। फोन लगाने पे फोन नही उठाने की पुरानी बीमारी मामले पे लीपापोती बहुत कुछ बयां करती है।

नवपदस्थ कलेक्टर से बड़ी उम्मीद

जिले में नवपदस्थ कलेक्टर कुंदन कुमार से इस मामले पे बड़ी कार्यवाही और स्प्ष्ट जांच की उम्मीद की जा रही है। जिले में उनके आने के बाद काफी कुछ मामलों में की गई कार्यवाहियों ने जिले की स्थिति में सुधार किया है। आशा है कि वे स्वयं अब मामले को पूरी गम्भीरता से लेते हुए निष्पक्ष जांच करते हुए सांठगांठ का पर्दाफाश करेंगे।

आंख दिखाते माफिया, किसका सरक्षंण

जिला प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही को बीते महज 24 घण्टे भी नही बीते थे कि मंदकु में खुलेआम 15 से अधिक ट्रैक्टर रेत का परिवहन करते नज़र आये। नतीज़न जब मामले की वास्तविक स्थिति जानने कुछ लोग पहुंचे तो रेत माफिया आंख दिखाते और अपने गुर्गों को लेकर घेरने की कोशिश करते नज़र आये। स्थिति यह थी कि उनके द्वारा शासन-प्रशासन को जेब मे लेकर चलने तक कि बात कही गयी। आखिर किस सरक्षंण और सांठगांठ के बल पे ये कार्य किया जा रहा सम्भवतः निष्पक्ष जांच से ही उजागर हो पायेगा।

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Author: Deepak Mittal

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