नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के परिसर में नए ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया उर्वरक परियोजना का शिलान्यास किया।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 10,600 करोड़ रुपये से अधिक है और यह असम और पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूरा करेगी, आयात निर्भरता को कम करेगी, और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।
औद्योगिक प्रगति का एक नया अध्याय शुरू-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज असम और पूरे उत्तर-पूर्व के लिए एक बड़ा दिन है। नामरूप और डिब्रूगढ़ का जो सपना लंबे समय से इन्हें पूरा करने के लिए इन्होंने बहुत मेहनत की है, आज वो पूरा हो रहा है। इस पूरे क्षेत्र में औद्योगिक प्रगति का एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। डिब्रूगढ़ आने से पहले गुवाहाटी में एयरपोर्ट के एक नए टर्मिनल का उद्घाटन किया गया। हर कोई कह रहा है कि असम ने विकास की एक नई गति पकड़ ली है। आप जो कुछ भी अनुभव कर रहे हैं, वह तो अभी शुरुआत है।”
उर्वरक परियोजना के लाभ
इस परियोजना से असम और पड़ोसी राज्यों की उर्वरक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, आयात निर्भरता कम होगी, और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना 12.5 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता के साथ अगले पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है।
भारत में सबसे पुरानी उर्वरक इकाई
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल) पूर्वोत्तर भारत में सबसे पुरानी उर्वरक इकाई है और क्षेत्र के किसानों की सेवा कर रही है। इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए नामरूप स्थल पर एक चौथा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। सरकार के समर्थन से, नए संयंत्र के अगले पांच वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है”।
इससे पहले, पीएम मोदी ने गुवाहाटी के पश्चिम बोरागांव में शहीद स्मारक क्षेत्र का दौरा किया, जहां उन्होंने असम आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
Author: Deepak Mittal










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