नई दिल्ली: रेयर अर्थ धातुओं को लेकर लंबे समय से जारी अनिश्चितता के बीच चीन के फैसले ने भारत समेत पूरी दुनिया को बड़ी राहत दी है। चीन ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि वह नागरिक उपयोग के लिए रेयर अर्थ के निर्यात को मंजूरी देगा। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब भारत सहित कई देश आधुनिक तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण के लिए चीन से इन बहुमूल्य धातुओं के निर्यात की मांग कर रहे थे।
किसी देश को निशाना नहीं बना रहा चीन
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि रेयर अर्थ से जुड़ा निर्यात नियंत्रण किसी विशेष देश को लक्षित नहीं करता। उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन का यह कदम उसके कानूनों और विनियमों के तहत है और इसका उद्देश्य वैश्विक औद्योगिक संतुलन बनाए रखना है।
नियमों का पालन करने पर मिलेगी मंजूरी
गुओ जियाकुन ने कहा, “अगर निर्यात नागरिक उपयोग के लिए है और सभी नियमों का अनुपालन करता है, तो चीनी सरकार समय पर आवेदन को मंजूरी दे देगी।” इससे संकेत मिलता है कि भारत समेत अन्य देशों की कंपनियों के लिए रेयर अर्थ की आपूर्ति दोबारा सुचारु हो सकती है।
रक्षा क्षेत्र पर सख्त रुख बरकरार
हालांकि चीन ने यह भी स्पष्ट किया कि रेयर अर्थ का उपयोग रक्षा उपकरणों के निर्माण में भी हो सकता है, इसलिए रक्षा उद्देश्यों के लिए इनके निर्यात पर सख्ती जारी रहेगी। गुओ ने कहा कि दोहरे उपयोग (ड्यूल यूज़) वाली इन धातुओं पर निर्यात नियंत्रण अंतरराष्ट्रीय प्रथा के अनुरूप है।
दुनिया के लिए क्यों है अच्छी खबर?
रेयर अर्थ धातुएं इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन, सेमीकंडक्टर, पवन ऊर्जा टर्बाइन और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए बेहद जरूरी हैं। चीन के इस फैसले से वैश्विक सप्लाई चेन स्थिर होने, उद्योगों को कच्चा माल मिलने और तकनीकी उत्पादन को रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
भारत को क्या फायदा?
भारत के लिए यह फैसला इसलिए अहम है क्योंकि ‘मेक इन इंडिया’ और ग्रीन एनर्जी जैसे अभियानों में रेयर अर्थ की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। चीन के रुख में नरमी से भारतीय उद्योगों को राहत मिल सकती है और उत्पादन लागत पर भी सकारात्मक असर पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, चीन का यह कदम वैश्विक अर्थव्यवस्था, तकनीकी विकास और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
Author: Deepak Mittal










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