रायपुर।
रायपुर नगर पालिक निगम ने राजधानी में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए एक अग्रणी कदम उठाया है। निगम ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर द्वारा विकसित और परीक्षण की गई अभिनव तकनीक “प्रमिति” (PRAMITI) को आधिकारिक रूप से अपनाया और शहर में वाटर मिस्ट व्हीकल चलाना शुरू किया।
महापौर मीनल चौबे ने निर्देश दिए कि शहर के व्यस्त स्थानों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में इस व्हीकल को प्राथमिकता के साथ चलाया जाए।
छत्तीसगढ़ पर्यावरण एवं संरक्षण बोर्ड (सीईसीबी) और आईआईटी खड़गपुर के बीच किए गए एमओयू के तहत शहर में वायु प्रदूषण के कारकों का विस्तृत अध्ययन किया गया। अध्ययन में पाया गया कि रायपुर में कुल वायु प्रदूषण का लगभग 30% केवल सड़क की धूल से उत्पन्न होता है।
आईआईटी खड़गपुर द्वारा किए गए फील्ड टेस्ट में तकनीक के परिणाम अत्यंत प्रभावी रहे:
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पीएम10 में 23% कमी
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पीएम2.5 में 59% कमी
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पीएम1 में 70% कमी
विशेष रूप से पीएम1 जैसे अति सूक्ष्म कणों में गिरावट स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये कण फेफड़ों तक गहराई में प्रवेश कर सकते हैं।
प्रमिति तकनीक क्या करती है?
यह तकनीक केवल पानी छिड़कती नहीं, बल्कि अल्ट्रा-फाइन माइक्रो ड्रॉपलेट्स के माध्यम से हवा में मौजूद धूल और सूक्ष्म कणों को बंधकर नीचे बैठा देती है। यह पूरी तरह स्वचालित, पेटेंट-आधारित और भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप विकसित की गई प्रणाली है, जिसमें उच्च क्षमता वाले पंप, डुअल फिल्टर सिस्टम और टाइमर आधारित कंट्रोल पैनल शामिल हैं।
रायपुर नगर पालिक निगम का उद्देश्य है कि शहरवासियों को स्वच्छ हवा, स्वस्थ जीवन और सतत विकास मिले। प्रमिति तकनीक के साथ रायपुर शहर वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक प्रमाणिक और वैज्ञानिक समाधान अपनाने वाला अग्रणी शहर बन गया है।
Author: Deepak Mittal










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