हाईकोर्ट की कड़क टिप्पणी! मेडिकल PG एडमिशन पर बड़ा ‘कोटा विस्फोट’, सरकार से 48 घंटे में जवाब तलब—एडमिशन रद्द होने का खतरा बढ़ा!
शासकीय मेडिकल कॉलेजों में कोटे में बदलाव पर हाईकोर्ट सख्त; कहा—जिसे छूना ही नहीं था, उसे क्यों छुआ? अगली सुनवाई 16 दिसंबर को
बिलासपुर। मेडिकल पीजी एडमिशन में कोटे के संशोधन को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। बुधवार सुबह हुई सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि जो कोटा व्यवस्था निजी कॉलेजों के लिए थी, उसे शासकीय कॉलेजों पर लागू करना गलत है। कोर्ट ने साफ कहा कि ऐसे में तो एडमिशन प्रक्रिया ही रोकनी पड़ेगी।
सरकार से 2 दिन में जवाब तलब
हाईकोर्ट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को दो दिनों के भीतर विस्तृत जवाब देने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। कोर्ट की टिप्पणी के बाद पूरा मेडिकल शिक्षा विभाग अलर्ट मोड पर है।
महाधिवक्ता ने रखी सरकार की ओर से दलील
कोर्ट में राज्य की ओर से महाधिवक्ता उपस्थित हुए, लेकिन जस्टिस ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि—
“जो कोटा प्राइवेट के लिए था, उसे गवर्नमेंट कॉलेजों को कैसे और क्यों छू लिया गया? ऐसा नहीं होना था।”
इसके बाद कोर्ट ने स्पष्ट रूप से जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दे दिया।
MBBS छात्रों के वकील ने उठाया बड़ा मुद्दा
एमबीबीएस छात्रों की ओर से सतीश चंद वर्मा ने कोर्ट में जिरह की। उनका कहना है कि फाइनल जजमेंट आने के बाद इसका प्रभाव उन सभी पर पड़ेगा जो अभी ओपन कोटा से एडमिशन ले रहे हैं।
छात्रों की ओर से यह भी कहा गया कि—
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अगर यह कोटा रूल गलत पाया गया,
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तो ओपन कैटेगरी से लिए जा रहे एडमिशन रद्द होने की पूरी संभावना है।
कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन से अपील
याचिकाकर्ताओं ने कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन से आग्रह किया है कि जब तक मामला स्पष्ट न हो जाए,
किसी भी प्रकार की मेरिट लिस्ट जारी न की जाए,
ताकि आगे कोई बड़ा विवाद न खड़ा हो।
Author: Deepak Mittal










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