Parliament Winter Session: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) पर पलटवार करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री ने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय फ़िर से ‘ड्रामेबाजी’ की है।
उन्होंने कहा कि भाजपा (BJP) को अब ध्यान भटकाने का नाटक ख़त्म कर जनता के असली मुद्दों पर संसद में चर्चा करनी चाहिए। पीएम मोदी ने सोमवार को विपक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह संसद को चुनावी हार के बाद ‘हताशा निकालने का मंच’ बना रहा है।
मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय पीएम मोदी ने ‘ड्रामेबाज़ी’ की
पीएम मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह सत्र राजनीतिक रंगमंच न बने, बल्कि रचनात्मक और परिणामोन्मुखी बहस का माध्यम बने। प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के समक्ष मुख्य मुद्दों की बात करने के बजाय फ़िर से ‘ड्रामेबाज़ी’ की है। असलियत यह है कि संसदीय मर्यादा और संसदीय प्रणाली को पिछले 11 साल से सरकार ने लगातार कुचला है, उसकी लंबी फेहरिस्त है।”
पिछले सत्र में 12 विधेयक जल्दबाजी से किये पारित
उन्होंने कहा, ”पिछले मानसून सत्र में कम से कम 12 विधेयक जल्दबाजी में पारित कर दिए, कुछ 15 मिनट से भी कम समय में और कुछ बिना किसी चर्चा के। पूरे देश ने पहले भी देखा है किस तरह किसान विरोधी काले क़ानून, जीएसटी, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता जैसे विधेयक संसद में आनन-फानन में पारित कराए गए। उनका कहना था कि इसी संसद में जब मणिपुर का मुद्दा उठा, तो प्रधानमंत्री तब तक चुप रहे, जब तक विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया।
हम इसे संसद में लगातार उठाएंगे
खरगे ने कहा कि, एसआईआर की प्रक्रिया में काम के बोझ के कारण बीएलओ लगातार जान गंवा रहे हैं। विपक्ष, ‘वोट चोरी’ सहित अन्य मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहता है और संसद में हम इसे लगातार उठाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा को अब ध्यान भटकाने का नाटक ख़त्म करना चाहिए और जनता के असली मुद्दों पर संसद में चर्चा करनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”सच्चाई यही है कि आम आदमी बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता और देश के बहुमूल्य संसाधनों की लूट से जूझ रहा है और सत्ता में बैठे लोग, सत्ता के अहंकार में ड्रामेबाज़ी का खेल, खेल रहे हैं।”
संसद सत्र शुरू होने से पहले पीएम का बयान सिर्फ पाखंड
कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा किया है कि संसद में किसी गतिरोध के लिए खुद प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री कभी संसद में उपस्थित नहीं होते और इसे महत्व नहीं देते हैं। वह कभी विपक्ष से संवाद नहीं करते। फिर भी प्रत्येक सत्र से पहले वह संसद भवन के बाहर खड़े होकर लोकसभा और राज्यसभा के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए विपक्ष से रचनात्मक सहयोग के लिए राष्ट्र के सामने भाषण देते हैं।”
संसद नहीं चलती, तो दोष प्रधानमंत्री का है
उन्होंने कहा, ”यदि संसद सुचारु रूप से नहीं चलती है तो दोष पूरी तरह से प्रधानमंत्री का है क्योंकि उन्होंने विपक्ष को अत्यावश्यक लोक महत्व के मुद्दों को उठाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वह विपक्ष को कम से कम अपनी बात कहने का मौका दिए बिना हमेशा अपने रास्ते पर चलना चाहते हैं।” रमेश ने आरोप लगाया कि संसद शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री का बयान पाखंड के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सबसे बड़े ‘ड्रामेबाज’ ही ‘ड्रामे’ की बातें कर रहे हैं।
Author: Deepak Mittal









