शिक्षा, उद्योग, खनन, सुशासन और सामाजिक कल्याण के समन्वित विकास से छत्तीसगढ़ रच रहा नया इतिहास
छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के बाद से सतत विकास की ओर अग्रसर है। एक समय देश के पिछड़े अंचलों में गिना जाने वाला यह प्रदेश आज तेजी से विकसित भारत के भविष्य की मजबूत आधारशिला बनने की राह पर है। सरकार द्वारा तैयार विजन डॉक्यूमेंट के अनुसार शिक्षा, उद्योग, खनन, सामाजिक सुरक्षा और सुशासन के क्षेत्रों में बड़े सुधार किए गए हैं, जिनके परिणाम अब स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार
पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर की कई शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना की है। आईआईटी, आईआईएम, एम्स और 10 से अधिक मेडिकल कॉलेजों ने उच्च शिक्षा के नए द्वार खोले हैं।
युक्तियुक्तकरण के निर्णय से आज राज्य का कोई भी स्कूल शिक्षकविहीन नहीं है, यहां तक कि कर्रेगुट्टा जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी शिक्षकों की नियमित तैनाती सुनिश्चित की गई है।
समय पर छात्रवृत्ति से बदली तस्वीर
आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति भुगतान की नई व्यवस्था लागू की गई है, जिसके तहत जून, सितंबर, अक्टूबर और दिसंबर में विद्यार्थियों को ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है। पहले वर्ष में केवल एक बार दिसंबर या फरवरी-मार्च में मिलने वाली राशि अब समय पर उपलब्ध होने से विद्यार्थियों की आर्थिक बाधाएँ कम हुई हैं।
इस पहल से लाखों छात्र लाभान्वित हो रहे हैं, जिससे उनकी आत्मनिर्भरता और उच्च शिक्षा की आकांक्षा को बढ़ावा मिला है।
वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान में संवेदनशील शासन
राज्य में 35 वृद्धाश्रमों में 1049 वरिष्ठ नागरिकों को भोजन, आवास, स्वास्थ्य और परामर्श की सुविधा प्रदान की जा रही है।
रायपुर, दुर्ग, कबीरधाम, रायगढ़, बालोद और बेमेतरा में प्रशामक देखभाल गृह गंभीर रोगियों के लिए राहत का केंद्र बने हुए हैं।
अब तक हेल्पलाइन सेवा से 2.70 लाख से अधिक प्रकरणों का समाधान किया जा चुका है।
राज्य में 14 लाख से अधिक वरिष्ठ नागरिक पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं—60 से 79 वर्ष तक 500 रुपए और 80 वर्ष से अधिक के लिए 650 रुपए प्रतिमाह।
आयुष्मान भारत और शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना से 8 लाख से अधिक बुजुर्गों को निःशुल्क उपचार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना और श्रीरामलला दर्शन योजना के तहत 2.5 लाख से अधिक वरिष्ठजन तीर्थयात्रा कर चुके हैं।
खनन क्षेत्र में राष्ट्रीय मॉडल बना छत्तीसगढ़
खनिज संपदा से परिपूर्ण यह राज्य आज देश के अग्रणी खनन राज्यों में शुमार है।
राज्य के खनिज राजस्व में 25 वर्षों में 34 गुना वृद्धि दर्ज की गई—429 करोड़ से बढ़कर 14,592 करोड़ रुपये।
अब तक 60 खनिज ब्लॉक की सफलतापूर्वक नीलामी हो चुकी है, जिनमें लौह अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर और क्रिटिकल मिनरल शामिल हैं।
खनिज ऑनलाइन 2.0 और डीएमएफ पोर्टल 2.0 ने प्रशासन को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया है।
स्टार रेटिंग प्रणाली के तहत 3 खदानों को 5-स्टार और 32 खदानों को 4-स्टार रेटिंग मिली है, जो जिम्मेदार खनन का प्रमाण है।
उद्योग, व्यापार और स्टार्टअप को नई दिशा
अब तक 6.65 लाख करोड़ रुपये से अधिक निवेश के प्रस्ताव प्राप्त होने से उद्योग जगत में छत्तीसगढ़ एक पसंदीदा केंद्र बन चुका है।
राज्य की जीडीपी को दोगुना कर 75 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ऊर्जा और सोलर पॉवर में तेजी से प्रगति
छत्तीसगढ़ देश में विद्युत उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर है।
सौर ऊर्जा को बढ़ावा देते हुए वर्ष 2027 तक 5 लाख घरों में सोलर पैनल लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
रक्षा और एयरोस्पेस का नया हब
सरकार ने रक्षा, एयरोस्पेस और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है।
कंपनियों को 100% एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, 300 करोड़ तक सब्सिडी और ब्याज व शुल्क में कई छूटें दी जाएंगी।
इससे राज्य तकनीकी नवाचार का अहम केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
किसानों, वनोपज संग्राहकों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती
कृषक उन्नति योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, बीमा योजना, निःशुल्क सिंचाई पंप बिजली और मोटे अनाजों को बढ़ावा देकर कृषि को मजबूत आधार दिया गया है।
लघु वनोपज आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे वनवासियों की आय बढ़ी है।
सुशासन और पारदर्शिता: डिजिटल सेवाएँ घर-घर
राज्य में पेंशन, प्रमाण पत्र, राजस्व और अन्य सेवाएँ अब ऑनलाइन उपलब्ध हैं।
33 जिलों में जीएसटी कार्यालय खुलने से व्यापारियों को विशेष सुविधा मिली है।
राज्य को जीएसटी राजस्व में 18% वृद्धि के साथ देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ तेजी से विकसित भारत का प्रमुख निर्माणकर्ता सिद्ध हो रहा है।
शिक्षा, उद्योग, स्वास्थ्य, खनन, ऊर्जा, कृषि, शासन और सांस्कृतिक क्षेत्रों में संतुलित विकास ने राज्य को नई पहचान दी है।
यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि—
छत्तीसगढ़ नई इबारत लिख रहा है और आने वाले वर्षों में भारत के विकसित भविष्य का मजबूत स्तंभ बनेगा।
Author: Deepak Mittal









