रायपुर में स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर नई व्यवस्था लागू: आवारा कुत्तों से बचाव अब जरूरी

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रायपुर। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए Suo Moto Writ Petition (Civil) No. 05/2025 के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में और छत्तीसगढ़ शासन, पशुधन विकास विभाग के पत्रों के आधार पर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी किया है।

निर्देशों के अनुसार अब प्रत्येक स्कूल का प्राचार्य या संस्था प्रमुख नोडल अधिकारी के रूप में नामित होगा। उनकी जिम्मेदारी होगी कि स्कूल परिसर या आसपास यदि आवारा कुत्ते दिखाई दें, तो इसकी तुरंत सूचना संबंधित ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत या नगर निगम के डॉग क्रैचर नोडल अधिकारी को दी जाए।

साथ ही, स्कूल परिसर में कुत्तों का प्रवेश रोकने के लिए आवश्यक अवरोधक उपाय सुनिश्चित किए जाएंगे। यदि किसी बच्चे के साथ आवारा कुत्ते द्वारा काटने की घटना होती है, तो बच्चे को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी, ताकि आवश्यक प्राथमिक उपचार समय पर उपलब्ध कराया जा सके।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि इन निर्देशों का उद्देश्य स्कूलों में बच्चों के लिए सुरक्षित, भयमुक्त और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करना है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और पशुधन विकास विभाग के मार्गदर्शन में यह अभियान पूरे प्रदेश में तेजी और संवेदनशीलता के साथ लागू किया जा रहा है।

सभी जिलों के अधिकारियों, बीईओ, बीआरसी, सीआरसी और स्कूल प्रबंधन समितियों से अपेक्षा की गई है कि वे इन दिशा-निर्देशों का कठोर पालन सुनिश्चित करें और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

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Author: Deepak Mittal

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