क्रॉनिक किडनी डिजीज: मौत की नौवीं सबसे बड़ी वजह, लक्षण दिखें तो तुरंत अलर्ट रहें

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नई दिल्ली: दुनियाभर में किडनी की बीमारी अब एक गंभीर स्वास्थ्य संकट बन चुकी है। हाल ही में इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन द्वारा तैयार की गई ग्लोबल स्टडी, जिसे द लैंसेट में प्रकाशित किया गया, में खुलासा हुआ है कि 2023 में क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) दुनिया में मौतों का नौवां सबसे बड़ा कारण बन चुकी है। अकेले पिछले साल इस बीमारी ने लगभग 15 लाख लोगों की जान ले ली

रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में करीब 788 मिलियन वयस्क किसी न किसी स्तर की किडनी समस्या से जूझ रहे हैं, जो 1990 की तुलना में दोगुना है। इसका मतलब है कि CKD अब अमीर और गरीब, हर देश में तेजी से फैल रही है। नॉर्थ अफ्रीका, मिडिल ईस्ट और साउथ एशिया इसके सबसे प्रभावित क्षेत्र हैं।

किडनी और दिल का गहरा संबंध

CKD केवल किडनी तक सीमित नहीं है। कमजोर किडनी फंक्शन दुनिया भर में होने वाली लगभग 11.5% कार्डियोवैस्कुलर मौतों के पीछे जिम्मेदार पाया गया है। यानी यह बीमारी दिल की सेहत पर भी गंभीर असर डालती है।

कौन हैं सबसे ज्यादा प्रभावित?

  • साउथ एशिया: लगभग 16% वयस्क

  • भारत: करीब 138 मिलियन लोग

  • चीन: लगभग 152 मिलियन लोग

  • नॉर्थ अफ्रीका और मिडिल ईस्ट: सबसे ऊंची प्रीवेलेंस

CKD बढ़ने के मुख्य कारण

  1. मेटाबॉलिक बीमारियां: डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा

  2. बुजुर्ग आबादी का बढ़ना: उम्र बढ़ने के साथ किडनी की कार्यक्षमता कम होना

  3. जांच और इलाज की कमी: शुरुआती टेस्ट उपलब्ध न होना

शुरुआती चेतावनी संकेत

  • यूरिन में बदलाव (बहुत ज्यादा/कम, झाग वाला या खून वाला)

  • पैरों, हाथों या आंखों के नीचे सूजन

  • लगातार थकान और कमजोरी

  • खुजली, मिचली, सूखी त्वचा

  • सांस फूलना, भूख कम होना

बचाव के कदम

  • नियमित टेस्ट कराएं (GFR, Urine Albumin)

  • ब्लड शुगर, बीपी और वजन को नियंत्रित रखें

  • स्वस्थ लाइफस्टाइल अपनाएं – कम नमक, पर्याप्त पानी, धूम्रपान से दूर रहें

CKD एक ‘साइलेंट किलर’ है, इसलिए इसके शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज न करें। समय पर जांच और सही जीवनशैली न केवल किडनी की रक्षा करती है, बल्कि दिल और शरीर की समग्र सेहत को भी बनाए रखती है।

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Author: Deepak Mittal

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