बेमेतरा।
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में रविवार को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की 7 प्री-प्राइमरी शिक्षिकाओं और 4 आयाओं को अचानक नौकरी से हटा दिया गया। डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) कार्यालय में सेवा समाप्ति आदेश मिलने के बाद एक महिला शिक्षिका बेहोश होकर गिर पड़ी, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई।
जानकारी के मुताबिक, इन शिक्षिकाओं और आयाओं की नियुक्ति साल 2022-23 में खनिज न्यास फंड से की गई थी। बताया जा रहा है कि कई शिक्षिकाओं को पिछले एक साल से अधिक समय से वेतन नहीं मिला था। वे लगातार भुगतान के लिए आवेदन देती रहीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
रविवार को, जब छुट्टी का दिन था, तब उन्हें अचानक डीईओ कार्यालय बुलाया गया और सेवा समाप्ति का पत्र सौंप दिया गया।
आदेश में लिखा गया कि —
“खनिज न्यास एवं अन्य स्रोतों से भुगतान संभव नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है।”
इस कार्रवाई के बाद शिक्षिकाओं में गहरा आक्रोश है। वे डीईओ पर मनमानी और असंवेदनशील रवैये का आरोप लगा रही हैं।
डीईओ कार्यालय का कहना है कि ये सभी नियमित कर्मचारी नहीं हैं, इसलिए इनके हटने से बच्चों की पढ़ाई पर असर नहीं पड़ेगा। डीईओ ने यह भी आश्वासन दिया कि बच्चों की पढ़ाई के लिए नई व्यवस्था की जाएगी और रुका हुआ वेतन जल्द भुगतान करने का प्रयास किया जा रहा है।
हालांकि, शिक्षा जगत में यह सवाल उठने लगा है कि जब जिले में पहले से ही शिक्षकों की भारी कमी है, तो ऐसे में इन शिक्षिकाओं को हटाना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं तो और क्या है?
Author: Deepak Mittal









